जरूरत पड़ने पर नवसृजित सात रक्षा कंपनियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी : राजनाथ
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नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शुक्रवार को कहा कि पूर्ववर्ती आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड (Ordinance Factory Board) को भंग कर सृजित किये गये सात नये रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को शुरूआत में जरूरत पड़ने पर सरकार वित्तीय और गैर वित्तीय माध्यमों से सहायता उपलब्ध कराएगी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन कंपनियों ने एक अक्टूबर से काम करना शुरू कर दिया है. विजय दशमी के अवसर पर इन नयी कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि ये सात नयी कंपनियां आने वाले समय में देश की सैन्य ताकत के लिए एक मजबूत बुनियाद बनाएंगी. अपने वीडियो संबोधन में मोदी ने इस बात का जिक्र किया कि विजय दशमी के अवसर पर इस दिन शस्त्र पूजा करने की परंपरा है.
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने कहा , भारत में हम शक्ति को सृजन का माध्यम मानते हैं. इस भावना के साथ देश और मजबूत होने की दिशा में बढ़ रहा है. ओएफबी को सात रक्षा कंपनियों में तब्दील करने के फैसले का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्राी सिंह ने कहा कि यह कदम रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के सरकार के संकल्प को प्रदर्शित करता है.
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उन्होंने कहा कि सुधार उपाय इन कंपनियों को स्वायत्तता उपलब्ध कराएंगे और जवाबदेही तथा प्रभाव क्षमता बेहतर होगी. सिंह ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में ये नयी कंपनियां रक्षा विनिर्माण माहौल में न सिर्फ अहम भूमिका निभाएंगी, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन भी बनेंगी.
सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने वैमानिकी और रक्षा सामग्री एवं सेवा क्षेत्र में 2024 तक 1.75 लाख करोड़ रुपये के टर्नओवर हासिल करने का लक्ष्य रखा है. इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग ऑफ द सोसाइटी के प्रमुख जयंत पाटिल ने सात नई कंपनियां सृजित करने के कदम का स्वागत किया.
सात नई कंपनियां–म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल), आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (अवनी), एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूई इंडिया), ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल), यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल), इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) हैं.
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