2021 ग्लोबल हंगर इंडेक्स में गिरी रैंकिंग, भारत ने मेथडोलॉजी को बताया अवैज्ञानिक
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नई दिल्ली. ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 (Global Hunger Index) में रैकिंग गिरने के बाद भारत सरकार ने इस इंडेक्स की मेथडोलॉजी पर सवाल खड़े किए हैं. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इस इंडेक्स को पब्लिश करने वाली एजेंसी ने सही तरीके से काम नहीं किया है.
मंत्रालय ने कहा है- ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 में भारत की रैंक कम करना आश्चर्यजनक है. ऐसा FAO एस्टिमेट के आधार किया गया है. ये मेथडॉलॉजी अवैज्ञानिक है. इस मेथडोलॉजी के तहत चार सवालों के आधार पर ओपीनियन पोल तैयार किया गया है.
साथ ही ये सवाल टेलिफोन के जरिए पूछे गए. इसमें कुपोषण की जांच का वैज्ञानिक तरीका नहीं अख्तियार किया गया जैसे प्रति व्यक्ति अनाज की उपलब्धता आदि. इसकी वैज्ञानिक जांच के लिए लंबाई-वजन मापना बेहद जरूरी होता है. जबकि इस इंडेक्स को सिर्फ टेलिफोनिक बातचीत के आधार पर तैयार किया गया. ये बातचीत अमेरिकी कंपनी Gallup द्वारा की गई जो दुनियाभर में विभिन्न विषयों पर ओपनियन पोल करती रहती है.
अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों पर नहीं हुआ असर!
साथ ही मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस ओपिनियन पोल के दौरान लोगों से ये सवाल नहीं पूछा गया कि उन्हें सरकार या अन्य स्रोतों अनाज की मदद मिली या नहीं. मंत्रालय ने कहा- ये रिपोर्ट कोरोना महामारी के दौरान बड़ी जनसंख्या तक सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा के तहत अनाज पहुंचाने के प्रयासों को अनदेखा करती है. रिपोर्ट में आश्चर्यजनक बात यह भी कही गई है कि कोरोना महामारी के दौरान अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका जैसे देश प्रभावित नहीं हुए. बल्कि इन देशों में कुपोषित लोगों की जनसंख्या कम हुई है. इसके अलावा मंत्रालय ने 13 अन्य तथ्य भी रखे हैं जिन्हें दरकिनार करने की बात कही गई है.
दरअसल इस लिस्ट में भारत 101वें स्थान पर खिसक गया है. 2020 में भारत 94वें स्थान पर था. हैरानी की बात है कि वह अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे है. 116 देशों की सूची में भारत को 101वें स्थान पर जगह मिली. वहीं, पाकिस्तान 92वें, नेपाल और बांग्लादेश 76वें स्थान पर हैं.
ये देश हैं टॉप पर
ग्लोबल हंगर इंडेक्स की जानकारी के मुताबिक, इस सूची में पांच से कम जीएचआई स्कोर रखने वाले चीन, ब्राजील और कुवैत समेत 18 देश शीर्ष स्थान पर हैं. अलग-अलग देशों में लोगों को खाने की चीजें कैसी और कितनी मिलती हैं, ग्लोबल हंगर इंडेक्स उसे दिखाने का साधन है. ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स’ का सूचकांक हर साल ताजा आंकड़ों के साथ जारी किया जाता है.
किसने तैयार की है ये रिपोर्ट, भारत का जीएचआई स्कोर कम हुआ है
इस इंडेक्स के जरिए दुनियाभर में भूख के खिलाफ चल रहे अभियान की उपलब्धियों और नाकामियों को दर्शाया जाता है. यह रिपोर्ट आयरलैंड की सहायता एजेंसी कन्सर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी के संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ ने मिलकर तैयार की है. रिपोर्ट में भारत में भूखमरी के स्तर को लेकर चिंता जताई गई है. साल 2020 में 107 देशों की सूची में भारत 94वें स्थान पर था.
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