लखीमपुर हिंसा: किसानों ने दी UP सरकार को चेतावनी, दोषियों पर कार्रवाई के लिये दिया हफ्ते भर का टाइम
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सोनीपत. सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा ने आज बैठक कर लखीमपुर खीरी में हुई घटना पर प्रेस वार्ता की. किसान नेताओं ने साफ शब्दों में कहा कि यूपी प्रशासन ने एक सप्ताह का समय दिया है और वह अपने समय पर खरा उतरे. सयुक्त किसान मोर्चा पीड़ित परिवारों के साथ है और न्याय की लड़ाई में उनके साथ चट्टान की तरह खड़ा हुआ है. यूपी सरकार किसान परिवारों से मिलने से भी रोक लगा रही है, इन लोगों पर भी लगाम लगायें और रास्तों को खोल दें, किसान नेताओं ने कहा कि अगर एक सप्ताह के अंदर दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह 8 तारीख को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक कर बड़ा और सख्त फैसला लेंगे.
किसान नेताओं ने कहा कि शिव किसान मोर्चा के एक आपातकालीन बैठक लखीमपुर खीरी को लेकर बुलाई गई थी. किसानों के संघर्ष और बलिदान के बदौलत यह आंदोलन आगे बढ़ रहा है. इसी बौखलाहट से लखीमपुर खीरी में जो घटनाक्रम किया गया है और जो घटनाक्रम वह अपने पिता के दम पर उसके बेटे ने अंजाम दिया है. इस घटना में हमारे किसान शहीद हुए हैं और हमारे नेता घायल भी हैं जो जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं. घटना को लेकर 302 का पर्चा दर्ज कर दिया गया है. प्रशासन को इस बात को जल्दी से जल्दी गिरफ्तारी करके इस मामले में अपनी असल में जो उनकी जो उनका भरोसा था, उसको पूरा करना चाहिये.
किसान नेताओं ने कहा कि हमें आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी चाहिये. क्योंकि अजय मिश्रा जो गृह राज्य मंत्री हैं. जब तक वह पद पर हैं वह जांच में दखल देंगे. इसलिए हम भारत के राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि उन्हें बर्खास्त किया जाये. उन्हें तुरंत उनके पद से निष्कासित किया जाए वह 120b में इसमें साजिश में शामिल हैं और उनको भी गिरफ्तार किया था, जो सहमति वहां पर इन दोनों बातों पर जो हुई है. उसमें यूपी प्रशासन और यूपी के मुख्यमंत्री इन सभी बातों को जल्द से जल्द इंप्लीमेंट करें.
आज की मीटिंग चेतावनी के रूप में सरकार को चेताया कि अगर यह मांगे पूरी नहीं करते हैं तो जल्दी कॉल कर ली गई है. जिसमें अगले प्रोग्राम का ऐलान कर दिया जाएगा. हम पीछे नहीं हटेंगे कातिलों को जेल में देखना चाहते हैं। रिश्तेदारी में लोग अपने बंधुओं के बिछड़ने के बाद हमदर्दी जताने जाना चाहते हैं. उनको जल्द से जल्द हटाया जाए आवागमन की स्वंत्रता पर रोक ना लगाई जाये. अगर यह 1 सप्ताह के गिरफ्तारी नहीं हुई तो 8 तारीख को दोबारा फिर बैठक बुलाई गई है, जिसमें हम सरकार को चेतावनी देते हैं की अंदर संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
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