राष्ट्रीय

मेरठ मेडिकल कॉलेज में एमआरआइ-सीटी स्कैन के लिए लंबी वेटिंग, रोगी परेशान

[ad_1]

मेरठ। यदि आपका या आपके परिजन का मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है और चिकित्सक ने एमआरआइ, सीटी स्कैन या अल्ट्रासाउंड कराने को लिखा है तो इसके लिए आपको कई महीने इंतजार करना पड़ सकता है। प्राइवेट के मुकाबले काफी कम दाम में मिलने वाली यह सुविधा चिकित्सकों और तकनीशियनों की कमी के कारण आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने में बहुत मुश्किल आ रही है। उन्हें अतिरिक्त खर्च कर निजी सेंटरों पर जाना पड़ रहा है।

सुविधा तो बहुत, मगर आमजन लाभ से वंचित
बता दें मेडिकल कॉलेज में एमआरआइ, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एक्सरे की सुविधा उपलब्ध है। आमतौर पर प्राइवेट सेंटरों पर एमआरआइ कराने पर छह हजार, सीटी स्कैन पंद्रह सौ से तीन हजार, अल्ट्रासाउंड पर बारह सौ और एक्सरे पर पांच सौ रुपये खर्च आता है। मेडिकल कॉलेज में एमआरआइ 2000, सीटी स्कैन छह सौ से पंद्रह सौ, अल्ट्रासाउंड 110 रुपये, एक्सरे 120 रुपये के यूजर चार्ज पर उपलब्ध हैं। यह आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए अच्छी सुविधा है लेकिन उन्हें इसका समय पर लाभ नहीं मिल पाता।

एमआरआइ के लिए तीन माह वेटिंग

इन दिनों एमआरआइ की वेटिंग तीन-चार माह तक चल रही है। सीटी स्कैन भी दो माह बाद हो पा रहा है। इसका कारण मेडिकल कॉलेज के रेडियोलाजी विभाग में चिकित्सकों और तकनीशियनों की कमी है। इससे संसाधनों का उचित उपयोग नहीं हो रहा है। एमआरआइ और सीटी स्कैन करने को एक ही तकनीशियन है। आमतौर से एक एमआरआइ करने में आधा घंटे से 45 मिनट तक का समय लगता है। एक शिफ्ट में अधिक से अधिक पंद्रह से बीस एमआरआइ ही हो पाते हैं। मानक के अनुसार तीन तकनीशियन हों तो एमआरआइ और सीटी स्कैन समय पर हो सकते हैं। मानक के अनुसार आठ एक्सरे तकनीशियन होने चाहिए, जबकि इनकी संख्या मात्र तीन है। विभाग में छह चिकित्सा शिक्षक (एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर और तीन असिस्टेंट प्रोफेसर) के पद स्वीकृत हैं, लेकिन एक की भी नियुक्ति नहीं है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड के दौरान विभाग के रेजिडेंट डाक्टरों की मदद ली जाती है।
मरीजों को नहीं, छात्रों को भी हो रही परेशानी

परेशानी केवल मरीजों को ही नहीं है। रेडियोलाजी का एक भी चिकित्सा शिक्षक नहीं होने से छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षक न होने से आर्थोपेडिक्स विभागाध्यक्ष डा. ज्ञानेश्वर टोंक के पास रेडियोलाजी का भी प्रभार है। उनका कहना है कि गंभीर रोगियों के एमआरआइ और सीटी स्कैन संबंधित चिकित्सक की संस्तुति पर तत्काल किए जाते हैं। एक चिकित्सा शिक्षक के चयन की संस्तुति कर शासन को भेजी गई है। शीघ्र नियुक्ति की उम्मीद है। रेडियोलाजी में तीन सीनियर रेजिडेंट व चार रेजिडेंट चिकित्सक हैं। शिक्षण में उनका पूरा सहयोग मिलता है। तकनीशियनों के रिक्त पदों पर नियुक्ति को टेंडर की प्रक्रियापूर्ण कर अनुमोदन को शासन को भेजी गई है। अनुमोदन प्राप्त होते ही नियुक्ति की जाएगी।



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *