उत्तराखंड

अब लेक्चरर नहीं बन सकेंगे प्रभारी प्रधानाचार्य, अशासकीय विद्यालयों के लिए जारी हुए निर्देश

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उत्तराखंड। शासकीय विद्यालयों के लिए सरकार द्वारा आदेश हुए जारी है। अब लेक्चरर नहीं बन सकेंगे प्रभारी प्रधानाचार्य

आपको बता दें, की प्रदेश के अशासकीय स्कूलों के 35 से अधिक प्रधानाचार्य को डाउनग्रेड पदोन्नति मिली है। वही भविष्य में अब इन स्कूलों के लेक्चरर और सहायक अध्यापक या काम चलाऊ प्रधानाचार्य नहीं बन सकेंगे। शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि यदि किसी वजह से काम चलाऊ प्रभारी प्रधानाचार्य बनाए भी गए तो उन्हें शपथ पत्र देना ही होगा कि वह प्रभारी पद के वेतन और भत्ते की मांग नहीं करेंगे।

शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक यह तय किया जाए कि भविष्य में लेक्चरर और सहायक अध्यापकों से प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक के पदों पर काम चलाऊ व्यवस्था के रूप में कार्य न लिया जाए। यदि बहुत जरूरी हुआ तो उन्हें प्रभारी प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य का 35 से अधिक अशासकीय स्कूलों के प्रधानाचार्य को मिली डाउनग्रेड पदोन्नति। जब वह इसका शपथ पत्र दें कि इस पद पर कार्य करने पर वह इस पद के वेतन और भत्ते की मांग नहीं करेंगे। आदेश में विभिन्न अशासकीय स्कूलों के प्रभारी प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापकों को डाउनग्रेड पदोन्नति दी गई है। आदेश में कहा गया है कि इन स्कूलों में रिक्ति की तिथि को खत्म करते हुए यदि वरिष्ठ लेक्चरर व सहायक अध्यापक को प्रतिकूल चरित्र प्रविष्टि या अन्य किसी नियमबद्ध कारणों से डाउनग्रेड प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक बनाया जाना संभव न हो तो प्रबंध समिति के अनुमोदन की तिथि को अर्हता पूर्ण करने वाले द्वितीय लेक्चरर व सहायक अध्यापक को नियमानुसार डाउनग्रेड प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक बनाए जाने की अनुमति प्रदान की जाती है।



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