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कोवैक्सिन को मिली मंजूरी पर WHO की चीफ वैज्ञानिक का खुलासा, जानें क्‍या कहा

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नई दिल्ली.  भारत बायोटेक (Bharat Biotech) द्वारा निर्मित वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) को आपातकालीन उपयोग (Emergency Use Listing) की मंजूरी मिलने के बाद विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की मुख्‍य वैज्ञानिक डॉ सौम्‍या स्‍वामीनाथन (Dr Soumya Swaminathan) ने कहा है कि अब बच्‍चों के लिए इस वैक्‍सीन के उपयोग करने की अनुमति मिलने में बहुत कम समय लगेगा. डब्‍ल्‍यूएचओ की आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल होने की प्रक्रिया जटिल है. इसमें बिना लाइसेंस वाले उत्‍पादों का आकलन किया जाता है, जिसके बाद मानकों के आधार पर उन्‍हें सूचीबद्ध करते हैं. इसके बाद उनका उपयोग सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य आपात स्थितियों के दौरान किया जा सकता है.

मुख्‍य वैज्ञानिक डॉ स्वामीनाथन ने बताया कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की मंजूरी का मतलब है कि ‘मेड-इन-इंडिया’ वैक्‍सीन को अन्‍य देशों में भी मान्‍यता मिलेगी और इससे वैक्‍सीनेट होने वाले भारतीयों को विदेश यात्रा करते समय न तो सेल्‍फ क्‍वारंटाइन होने या किसी प्रकार के प्रतिबंधों का सामना नहीं करना होगा. डॉ स्वामीनाथन ने बताया कि कोवैक्सिन को डब्‍ल्‍यूएचओ की मंजूरी हासिल करने में सबसे अधिक समय नहीं लगा. यह बात उन्‍होंने प्रतिक्रिया स्‍वरूप कही. दरअसल डब्‍ल्‍यूएचओ की आलोचना हो रही थी कि उसने चीन में निर्मित अन्‍य वैक्‍सीन को अपेक्षाकृत कम समय में मंजूरी दे दी थी, जबकि भारतीय वैक्‍सीन कोवैक्सिन को मंजूरी देने में बहुत अधिक समय लिया था.

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डॉ स्‍वामीनाथन ने बताया कि औसतन स्‍वीकृति में 50 से 60 दिन लगते हैं, लेकिन कुछ स्‍वीकृतियों में 165 दिन तक का समय लग जाता है. विशेष रूप से चीन निर्मित सिनोफार्मा और सिनोवैक वैक्‍सीन को अनुमोदन पाने में 150 से 165 दिनों का समय लगा. उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि कोवैक्सिन कहीं बीच में है, इसे मंजूरी मिलने में 90 से 100 दिनों के बीच का समय लगा. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के पैनल ने आपातकालीन उपयोग सूची के लिए वैक्‍सीनों की समीक्षा करते हुए पिछले हफ्ते कोवैक्सिन की पड़ताल की थी और कुछ अन्‍य स्‍पष्‍टीकरण मांगे थे. उन्‍होंने बताया कि इसी मामले में समिति ने आज फिर जांच की और वह बहुत संतुष्‍ट थी. उन्‍होंने कहा कि अभी 13 अन्‍य वैक्‍सीन भी हैं जिन्‍हें अभी भी मंजूरी का इंतजार है.

मुख्‍य वैज्ञानिक से जब पूछा गया कि क्‍या वैक्‍सीन गर्भवती महिलाओं के लिए पूरी तरह से सु‍रक्षित है तो उन्‍होंने जवाब दिया कि किसी भी निष्‍कर्ष पर पहुंचने के लिए अभी और आंकड़ों की जरूरत है. उन्‍होंने कहा कि हम जानते हैं कि अब तक भारत में कई गर्भवती महिलाओं ने कोवैक्सिन ली है और हम इसके डेटा की प्रतीक्षा कर रहे हैं. बच्‍चों और नवजात शिशुओं पर वैक्‍सीन के संभावित प्रभाव पर उन्‍होंने फिर से कहा कि इस बारे में निष्‍कर्ष के लिए और अधिक डेटा की जरूरत है. यह पूछने पर कि क्‍या बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन आने में अभी और समय लगेगा, उन्‍होंने जवाब दिया कि यह बहुत जल्‍दी हो जाना चाहिए, लेकिन यह भी डेटा पर निर्भर करता है. देश-विदेश की यात्रा पर मंजूरी के प्रभाव पर उन्‍होंने कहा कि यह मंजूरी बहुत अहम है. कई देश डब्‍ल्‍यूएचओ आपातकालीन उपयोग सूचीबद्ध वैक्‍सीन को स्‍वीकार करते हैं क्‍योंकि यह सुरक्षित, प्रभावी और गुणवत्‍ता की मुहर है.

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