OPINION: इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश के जरिए विकास की रिकॉर्ड ऊंचाई की ओर मोदी सरकार
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नई दिल्ली. इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को लेकर कहा जाता है कि ‘इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश विकास के लिए एक दीर्घकालीन आवश्यकता है और एक दीर्घकालीन कारक है, जो विकास को टिकाऊ बनाता है. आप और हम सड़क या रेल से आते हैं, लेकिन अर्थशास्त्री बुनियादी ढांचे पर यात्रा करते हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर सिर्फ हाइवे का नहीं, बल्कि इंफॉर्मेशन हाइवे का भी होना चाहिए.’ वर्तमान मोदी सरकार है, और ये सरकार अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने को लेकर लगातार अपने प्रयास जारी रखे है. इसके लिए सरकार तमाम कवायद कर रही है. राष्ट्रीय संरचना पाइपलाइन के तहत भारत 2020 से 2025 तक 111 लाख करोड़ रुपए निवेश करने जा रही है, जिसके अंतर्गत ऊर्जा, सड़क, शहरी बुनियादी ढांचा, रेलवे, एयरपोर्ट जैसे सेक्टर का विकास किया जाएगा.
सड़क मार्ग में पिछले 5 साल में काफी कामकाज किया गया है. अगर आंकड़ों की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2015 से लेकर 2020 तक सड़क और राज्य मार्ग सेक्टर में कुल तीन गुना से भी अधिक निवेश हुआ है. वित्तीय वर्ष 2015 में यह 51,935 करोड़ से बढ़कर 1,72,767 करोड़ रुपया हो गया. इसके साथ एविएशन सेक्टर में भी इस दौरान काफी विकास देखने को मिला. सरकार की उड़ान योजना के साथ-साथ अन्य योजनाओं के कारण 2014 से 2020 तक घरेलू यात्रियों की संख्या दोगुनी हो गई और यह 61 मिलियन से बढ़कर लगभग 137 मिलियन के स्तर पर पहुंच गया. इस तरह यात्रियों की संख्या में लगभग 14 फीसदी का इजाफा हर साल देखा गया है.
रेलवे में पीपीपी मॉडल पर विकास
बंदरगाह और शिपिंग सेक्टर के विकास के लिए भी काफी काम किए गए हैं. सागरमाला कार्यक्रम के तहत 500 से अधिक परियोजनाओं पर 3.59 लाख करोड़ रुपए निवेश करने की कवायद वर्तमान सरकार कर रही है. इसके साथ ही साथ रेलवे में पीपीपी मॉडल पर विकास किए जाने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके अंतर्गत निजी क्षेत्र से 30,000 करोड़ रुपए जुटाने की कोशिश की जा रही है. साथ ही साथ राष्ट्रीय रेल योजना के तहत 2030 तक रेलवे से संबंधित बुनियादी ढांचे को विकसित करने की भी योजना बन रही है.
डिजिटल क्रांति के तहत भी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश
भारत में दूरसंचार और डिजिटल क्रांति के तहत भी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश किया जा रहा है. सरकार की योजना सभी के लिए ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराने की है और इंटरनेट सुविधा को सुगम बनाने की है. भारत सरकार भारतनेट सहित विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है. 15 जनवरी 2021 तक 4,87,000 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा चुका है. भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए भी इस क्षेत्र में काफी निवेश किया जा रहा है.
भारतः तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश
गौरतलब है कि अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है. बिजली के क्षेत्र में भी काफी निवेश किया जा रहा है और सौभाग्य योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में भी सभी घरों में बिजली पहुंचाने की कवायद की गई है. बिजली के परंपरागत स्रोत के साथ-साथ नवीनीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में भी निवेश किया जा रहा है.
देश में बढ़ते शहरीकरण को लेकर भी कई कदम उठाए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2022 के अंतर्गत सभी को पक्का मकान उपलब्ध कराने की मुहिम चल रही है. इसके तहत 109 लाख घरों को स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से 70 लाख से अधिक घरों का निर्माण कार्य चल रहा है और इसमें से 41 लाख से अधिक घरों का निर्माण पूरा हो चुका है.
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