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दिल्ली के लोगों को अब हेल्थ कार्ड के जरिए एक ही छत के नीचे मिलेगी स्वास्थ्य संबंधी ये सारी सुविधाएं, ऐसे उठाएं लाभ

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नई दिल्ली. दिल्ली सरकार (Delhi Government) जल्द से जल्द सभी सरकारी अस्पतालों (Hospitals) में एचआईएमएस (HIMS) को लागू करने की कोशिश कर रही है. बाद में निजी अस्पतालों (Private Hospitals) को भी चरणबद्ध तरीके से इससे जोड़ा जाएगा. दिल्ली सरकार के मुताबिक, ‘अस्पताल प्रशासन, बजट और योजना, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बैक एंड सेवा और प्रक्रियाओं जैसी सभी रोगी देखभाल संबंधी सेवाओं को इस प्रणाली के तहत लाया जाएगा.’ इस प्रणाली के माध्यम से दिल्ली के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे और उपयोग के लिए ऑनलाइन की व्यवस्था होगी. इससे दिल्ली के लोगों को एक ही छत के नीचे सारी जानकारी मिल सकेगी और आपात स्थिति में तत्काल मदद मिलेगी. इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद दिल्ली देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन जाएगा, जिसके पास क्लाउड आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली होगी. वर्तमान में स्वीडन, युगांडा और जर्मनी जैसे कुछ विकसित देशों में ऐसी प्रणाली उपलब्ध है.

हेल्थ कार्ड परियोजना के लिए कई प्रावधान प्रस्तावित
हेल्थ कार्ड प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली के निवासियों को वोटर आईडी और जनसंख्या रजिस्ट्री के आधार पर क्यूआर कोड आधारित ई-हेल्थ कार्ड जारी किए जाएंगे. इससे प्रत्येक मरीज की जनसांख्यिकीय और बुनियादी नैदानिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है. स्वास्थ्य योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिए ई-स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से परिवार मानचित्रण किया जाएगा. भौतिक सत्यापन के बाद प्रत्येक व्यक्ति को क्यूआर कोड वाले कार्ड वितरित किए जाएंगे. लोगों के अनुरोध पर संशोधित या डुप्लीकेट कार्ड जारी करने का प्रावधान किया जाएगा.

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एचआईएमएस परियोजना को लागू करने के लिए दो स्तरों पर एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा.

स्वास्थ्य हेल्पलाइन के लिए बनेंगे कॉल सेंटर
एचआईएमएस परियोजना को लागू करने के लिए दो स्तरों पर एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा. पहले स्तर पर कॉल सेंटर संचालकों को लोगों के कॉल और मैसेज प्राप्त होंगे. सीआरएम में लॉग इन करने के बाद वे मामले का आकलन करेंगे और इसे सुलझाएंगे और उपलब्ध स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को सूचित करेंगे. ऑपरेटर कॉलर को प्रासंगिक जानकारी देगा और अंत में एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी. वहीं, दूसरे स्तर पर दिल्ली सरकार के डॉक्टर और विशेषज्ञ कॉल और मैंसेज रिसीव करेंगे और मरीज को अप्वाइंटमेंट देंगे. अगर इमरजेंसी का मामला है तो हेल्पलाइन उनकी कॉल को तुरंत स्वीकार करेगी और समस्या को हल करने के लिए उनसे बात करेगी. जरूरत पड़ने पर संबंधित रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क किया जाएगा.

ऐसा होगा स्वास्थ्य कार्ड
1- हेल्थ कार्ड सुरक्षित क्यूआर कोड/क्रिप्टोग्राफ या ऐसी कोई भी ऐसी तकनीक होगी, जो विशिष्ट आईडी, जनसांख्यिकीय विवरण और व्यक्तिगत नागरिक के प्रमुख क्लीनिकल विवरणों के बारे में एन्क्रिप्टेड जानकारी रखने के लिए उपयुक्त हो सकती है.
2-राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनएचडीएम) के तहत परिभाषित दिशानिर्देशों के अनुसार व्यक्तिगत नागरिक को एक विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी दी जाएगी.
3- दिल्ली का मतदाता पहचान पत्र 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों के लिए स्वास्थ्य कार्ड के तहत पंजीकरण के लिए एकमात्र और अनिवार्य दस्तावेज होगा, जिन्हें दिल्ली के किसी भी स्वास्थ्य देखभाल संस्थान में मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का लाभ उठाने के लिए स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाएगा. दिल्ली के बाहर के संस्थानों में भी इसे आगे बढ़ाया जा सकता है.
4- एक से 18 वर्ष के बीच के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाएगा और माता-पिता के स्वास्थ्य कार्ड से जोड़ा जाएगा। सभी नवजात बच्चों (01 वर्ष की आयु तक) को उनकी माता के स्वास्थ्य कार्ड से जोड़ा जाएगा.
5- शुरूआत में सभी नागरिकों को सभी आवश्यक विवरणों के साथ ई-स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे और फिर एक किट के साथ पीवीसी कार्ड जारी किए जाएंगे, जो उनके पंजीकृत पते पर भेजे जाएंगे.
6- सभी नागरिक के लिए स्वास्थ्य कार्ड फिर से जारी करने का अनुरोध करने का प्रावधान और गलत होने पर जनसांख्यिकीय विवरण ठीक करवाने की सुविधा होगी.

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अस्थाई ई-हेल्थ कार्ड के लिए पहले कराना होगा पंजीकरण
दिल्ली के नागरिकों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ अस्थायी ई-हेल्थ कार्ड प्राप्त करने के लिए खुद को पहले पंजीकरण कराना होगा. नागरिकों को पूर्व-पंजीकरण के बाद 01 वर्ष की अवधि के लिए एक अस्थायी ई-स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाएगा और सर्वेक्षण के माध्यम से नागरिक विवरण को मान्य करने और बाद में सभी आवश्यक डेटा को अपडेट करने के बाद इसे स्थायी (पीवीसी) कार्ड में परिवर्तित कर दिया जाएगा.

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