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PM नरेंद्र मोदी ने कहा- आजादी के 100 वर्ष पूरे होने में 25 साल बाकी, इन सालों में कर्तव्य मंत्र से काम हो

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शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बुधवार को अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का आगाज हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद और राज्यों के विधानसभा और विधानपरिषद के पीठासीन अधिकारियों के तीन-दिवसीय शताब्दी सम्मेलन का उद्घाटन किया. सम्मेलन में वर्चुअली शामिल हुए पीएम ने वन नेशन वन लेजिस्लेशन और कर्तव्य का मंत्र दिया.

पीएम ने कोविड से लड़ाई को लेकर अपना संबोधन शुरू किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि कोविड की लड़ाई सब राज्यों ने मिलकर लड़ी, अब  कोविड वैक्सीन 110 करोड़ का आंकड़ा पार चुकी है, राज्यों के एकजुट प्रयासों से सफलता हासिल हुई.

पीएम मोदी ने सभी पीठासीन अधिकारियों से आहवान किया कि हमें. नई सोच, नए विजन के साथ नए नियम और नीतियां बनानी होंगी. सदन में सबका व्यवहार भारतीयता के मूल्यों के अनुसार होना चाहिए, हमारी नीतियां और कानून भारतीयता के भाव से हों. पीएम ने कहा कि विविधता में एकता को बनाए रखने में विधानसभाओं, विधान परिषदों  की अहम जिम्मेदारी है. सदन में होने वाली चर्चाओं को लेकर पीएम ने कहा कि मर्यादा का गंभीरता का पालन हो, कोई राजनीतिक छींटाकशी न ही, डिबेट में वैल्यू एडिशन कैसे, इसको लेकर प्रयास होने चाहिए. हैल्दी डिबेट और क्वालिटी डिबेट होनी चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा कि देश में वन नेशन, वन राशन कार्ड,  वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड जैसी कई व्यवस्थाओं को लागू किया गया है, अब वन नेशन, वन लेजिस्लेशन होना चाहिए. ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाए जो संसदीय प्रणाली को और मजबूत करे और लोकसभा राज्यसभा के साथ सभी लोकतांत्रिक इकाइयों को भी जोड़ने का काम करे. पीएम ने कहा कि आजादी के 100 वर्ष पूरे होने में 25 बचे हैं. इन 25 सालों में केवल कर्तव्य मंत्र से काम हो. देश को आगे ले जाने के लिए हर संस्था, नेता और हर व्यक्ति अपने कर्तव्य का पालन करे.

पीठासीन अधिकारी दलगत राजनीति से ऊपर 

इससे पहले सम्मेलन की शुरूआत में विधानसभा स्पीकर ने सभी का स्वागत किया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आज गौरव का क्षण, कौंसिल चैबर कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है. आज लोकतंत्र का पर्व है. अग्निहोत्री ने पीएम और अन्य मेहमानों का स्वागत भी किया और कौंसिल चैंबर के इतिहास के बारे में बताया.

नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि पीठासीन अधिकारी, दलगत राजनीति से ऊपर होते हैं लेकिन अब पीठासीन अधिकारी पार्टी की बैठकों में शामिल होते हैं, विधानसभा में जानकारी छुपाई जा रही है. आरटीआई में सूचना मिलती है लेकिन सदन में नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मूल्यों को बचाने की जरूरत है. विपक्ष को उचित महत्व मिलना चाहिए और अपनी बात रखने के लिए पूरा समय भी मिलना चाहिए.

हिमाचल के लिए ये गौरवशाली पल: सीएम जयराम ठाकुर

इस मौके पर राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि आवश्यक कानून बनाने में विलंब नहीं होना चाहिए, अनावश्यक कानूनों को खत्म किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र ने सैकड़ों साल पुराने कई कानून खत्म किए, राज्यों में पुराने और अनावश्यक कानूनों को खत्म करने की प्रकिया धीमी है.

सीएम जय राम ठाकुर ने इसे ऐतिहासिक और गौरवमयी पल करार दिया. सीएम जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के लिए ये गौरवमयी पल है. संसद, विधानसभा और विधान परिषद, संसदीय प्रणाली का केंद्र बिंदु हैं. हिमाचल विधानसभा का गौरवशाली इतिहास रहा है और ये विधानसभा उच्च परंपराओं के लिए जानी जाती है. सीएम ने धर्मशाला के विधानसभा भवन तपोवन को लेकर कहा कि हम इसका उपयोग सालभर करना चाहते हैं. सीएम ने तपोवन में ई-विधान अकादमी स्थापित करने की मांग की.

ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी रहा है शिमला

सम्मेलन में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि शिमला कई ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी रहा है, इस सम्मेलन के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत बनाने में मदद मिली है और यहां होने हो रहे सम्मेलन में भी लोकतंत्र को सशक्त बनाने की सार्थक चर्चा होगी और महत्वपूर्ण सुझाव आएंगे. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने पर बल दिया जाना चाहिए, विधानमंडल में होने वाली चर्चा अनुशासित हो और तकनीक का अधिक उपयोग होना चाहिए. साथ ही कहा कि कानून बनाने में देरी, चर्चा कम होना चिंता का का विषय.  सम्मेलन में विधानसभा, विधान परिषदों को और पारदर्शी और जबावदेह बनाने की जरूरत पर चर्चा होगी.

Tags: Himachal pradesh, PM Modi, Shimla News



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