उत्तराखंड

Politics of Uttarakhand : रुद्रप्रयाग सीट पर कांग्रेस में फूट! क्या टिकट के दावेदारों को साध पाएगी पार्टी?

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रुद्रप्रयाग. उत्तराखंड में चुनावी सरगर्मियां बढ़ने के साथ ही राजनीतिक पार्टियों के भीतर की खींचातानी भी उभरकर सामने आने लगी है. कांग्रेस के भीतर कुछ सीटों को लेकर कलह या टिकट की दावेदारी से ज़ाहिर हो रहा है कि पार्टी के भीतर फूट पड़ने के पूरे आसार हैं. ऐसी ही एक सीट रुद्रप्रयाग है, जहां ऐतिहासिक तौर पर कांग्रेस को संघर्ष ही करना पड़ा है और यहां के नेताओं के दलबदल के कारण भी राजनीतिक पार्टियों के भीतर संकट की स्थिति रही है. इस बार के चुनाव के लिए यहां कांग्रेस के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हुई है क्योंकि उसके करीब आधा दर्जन नेताओं ने चुनावी टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है.

कांग्रेस की राह नहीं रही आसान
उत्तराखंड चुनाव से कुछ ही हफ्तों पहले रुद्रप्रयाग सीट पर हो रही खींचातानी के चलते यह सीट चर्चाओं में आ गई है. उत्तराखंड के चुनावी इतिहास में 2012 में यहां कांग्रेस को जीत मिली थी, तब हरक सिंह रावत यहां से कांग्रेस के टिकट पर जीते थे, जो 2017 के चुनाव से पहले पार्टी बदलकर भाजपा में चले गए. रावत ने यहां से उस समय भाजपा के उम्मीदवार मातबर सिंह कंडारी को हराया था और अब वही कंडारी कांग्रेस पार्टी के नेता हैं. कंडारी उन दावेदारों में भी शुमार हैं, जो कांग्रेस से टिकट की आस लगाए हुए हैं.

क्या है दावेदारों की दावेदारी?
कांग्रेस पार्टी के भीतर इस सीट पर फूट पड़ने जैसे आसार दिखाई दे रहे हैं क्योंकि यहां से कम से कम छह नेताओं ने चुनाव लड़ने के लिए खुद को सबसे योग्य बता दिया है. जखोली के ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने न्यूज़18 से बातचीत करते हुए कहा कि जखोली ही वह ब्लॉक है, जहां इस सीट के सबसे ज़्यादा बूथ हैं और इन बूथों पर उनकी पकड़ सबसे मज़बूत है. लिहाज़ा थपलियाल यहां से विधायक का चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से टिकट मांग रहे हैं.

दावेदारों में एक नाम कंडारी का है, जो अपने अनुभव और पहले इस सीट पर किए गए विकास कार्यों को गिनाकर कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं. इनके साथ ही पूर्व ज़िला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा भी टिकट की दावेदारी के मैदान में उतर गई हैं. राणा ने मीडिया के सामने साफ तौर पर दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी दबंग महिला होने के नाते उन्हें यहां से टिकट की गारंटी दे चुके हैं. इससे पहले भी उन्हें दबंग महिला होने के चलते ही कांग्रेस ने चुनाव लड़वाया था.

कांग्रेस कैसे साधेगी यह सीट?
2017 के चुनाव में बीजेपी ने यह सीट कांग्रेस से छीन ली थी और इस बार कांग्रेस पलटवार के मूड में है. एंटी इनकंबेंसी का आंकलन कर रही कांग्रेस का दावा है कि इस बार यह सीट उसके खाते में जाएगी. यहां कांग्रेस के ज़िला प्रभारी का कहना है कि लोगों का रुझान कांग्रेस की तरफ बढ़ रहा है और टिकट के लिए दावेदारी इसका प्रमाण है कि कांग्रेस यहां जीत पक्की कर चुकी है. अब चर्चा इस सवाल पर है कि यह कांग्रेस की लोकप्रियता का असर है या इस सीट पर पार्टी के बिखर जाने की आहट है.

Tags: Uttarakhand Assembly Election 2022, Uttarakhand Congress, Uttarakhand news, Uttarakhand politics



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