कोविड वैक्सीनेशन: दूसरे डोज की धीमी रफ्तार पर चिंता, अभियान चलाने की तैयारी
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HIMANI CHANDNA
नई दिल्ली. कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार भले ही देश में तेज हो गई हो लेकिन दूसरी डोज की धीमी रफ्तार को लेकर सरकार चिंतित है. अब इसे लेकर केंद्र की मोदी सरकार जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी कर रही है. इस अभियान का मुख्य फोकस लोगों को पूरा वैक्सीनेशन करवाने यानी दोनों डोज के लिए प्रेरित करना होगा.
देश में अब तक तकरीब 70 फीसदी वयस्क आबादी को वैक्सीन का कम से कम एक डोज लग चुका है. वहीं करीब 30 फीसदी आबादी पूरी तरह वैक्सीनेशन करवा चुकी है. इस वक्त राज्यों के पास वैक्सीन का स्टॉक पर्याप्त है फिर भी वैक्सीनेशन की रफ्तार अपेक्षाकृत कम रह जा रही है. उदाहरण के लिए बीते शनिवार को केवल 38 लाख डोज ही लगे जबकि सभी राज्यों के पास कुल मिलाकर 11.12 करोड़ डोज स्टॉक में मौजूद थे. वहीं बीते बृहस्पतिवार को 27 लाख डोज ही लगे.
क्या बोले स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी
स्वास्थ्य मंत्रालय में एक सीनियर अधिकारी का कहना है-100 करोड़ डोज का लक्ष्य पूरा होने के बाद, दूसरे डोज के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. नए मामलों की संख्या कम हो रही है इसलिए लोग दूसरे डोज को हल्के में लेने लगे हैं. निर्धारित तिथियों पर लोग दूसरा डोज नहीं लगवा रहे हैं.
बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने भी जाहिर की चिंता
सूत्र के मुताबिक यही बात स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी एक बैठक के दौरान उठाई है. अधिकारियों से कहा गया है कि दूसरी डोज की रफ्तार बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार की जाए.
कैसे होगी प्लानिंग
अधिकारी का कहना है कि इस प्लान में आशाकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों, स्पेशल टीम को उन इलाकों में भेजा जाएगा जहां पर दूसरे डोज की संख्या कम है. साथ ही पहला डोज लेने वालों को दूसरी डोज की तारीख ध्यान दिलाई जाएगी. उन्होंने कहा-राज्यों से भी कहा जाएगा कि उन लोगों तक पहुंच बनाई जाए जो दूसरा डोज लगवाने नहीं आ रहे हैं. अब उन्हें समझाना आसान है क्योंकि वैक्सीन के ज्यादा साइड इफेक्ट्स नहीं दिखाई दिए हैं. इस तरह के कुछ अन्य प्रचार अभियान भी चलाए जाएंगे जिनमें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सेलिब्रेटी को शामिल किया जाएगा.
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