उत्तराखंड

उत्तरकाशी जिले में बन रही 4531 मीटर लंबी सुरंग के भविष्य पर उठे सवाल

सुरंग के बीच सॉफ्ट चट्टान आने से निर्माण की तकनीक में होगा बदलाव ? नये सिरे से बनेगी DPR

जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन के इंस्टॉलेशन का काम पूरा , ड्रिलिंग पर टिकी नजरें

100 घँटे से भी अधिक समय सेफँसे हैं मजदूर, बेचैनी बढ़ी,विपक्ष व परिजनों का झलक रहा आक्रोश

वायुसेना, थल सेना भी बचाव अभियान में जुटी

उत्तरकाशी। धरासू से बड़कोट के बीच सिलक्यारा टनल साइट पर नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन के इंस्टॉलेशन का काम पूरा हो गया है। जल्द ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है। देर रॉय शुक्रवार को फंसे मजदूरों को बाहर निकाला जा सकेगा। मजदूरों को सुरंग में फंसे हुए 100 घण्टे से अधिक हो गये हैं। कुछ मजदूरों की तबीयत खराब होने की भी खबर है।

बहरहाल, परिजनों व श्रमिकों की नाराजगी, नारेबाजी व आक्रोश के बीच यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में 5 दिन से फंसे हुए 40 मजदूरों को निकालने के लिए बचाव दल और अधिकारियों ने अभियान और तेज कर दिया है। गौरतलब है कि दीवाली की सुबह 5.30 बजे सुरंग में मलबा आने से कार्यरत 40 मजदूर फंस गए थे। बीते चार दिन की मशक्कत के बाद भी फंसे मजदूरों को नहीं निकाला जा सका।

नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन के इंस्टॉलेशन का काम पूरा

सिलक्यारा टनल साइट पर नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन के इंस्टॉलेशन का काम पूरा हो गया है। जल्द ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है। राहत एवं बचाव मिशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया, “अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन पुरानी मशीन से काफी एडवांस है, जो काफी स्पीड में काम करेगी। राहत एवं बचाव ऑपरेशन में अब मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी शामिल हो गई है, इसके साथ वायुसेना, थल सेना भी बचाव अभियान में मदद कर रही है”। गौरतलब है कि बुधवार को वायुसेना के विशेष विमान से भारी भरकम मशीन टनल पॉइंट पर पहुंचाई गई।

टनल पॉइंट पर विरोध शुरू

उधर, बचाव कार्य में हो रही देरी की वजह से टनल पॉइंट पर फंसे मजदूरों के परिजन व अन्य श्रमिक आक्रोश जता रहे हैं। इन आंदोलित लोगों की पुलिस व NHI DCL कम्पनी के कर्मचारियों से झड़प भी हुई। दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने बचाव कार्य में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया। विपक्ष का कहना है कि NHI DCL कम्पनी ने सुरक्षा के उपाय नहीं किये। और सुरंग के निर्माण के समय ही ह्यूम पाइप नहीं डाले।

DPR सवालों के घेरे में

सुरंग के निर्माण के दौरान मलबा गिरने के बाद एक्सपर्ट टीम ने निरीक्षण के बाद कहा कि सॉफ्ट चट्टान की वजह से यह हालात पैदा हुए। इस बयान के बाद सुरंग के निर्माण से पहले बनी DPR , Detail Project Report ही सवालों के घेरे में आ गयी है। लगभग 4 किमी लंबाई की निर्माणाधीन टनल में पूर्व में भी मलबा गिर चुका है। लेकिन इसके बाद भी सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए गए।

रविवार को हुई दुर्घटना के बाद सुरंग के भविष्य परभी सवाल खड़े हो गए है। अगर,एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट के अनुसार निर्माणाधीन सुरंग केमार्ग मरण हार्ड चट्टान के बजाय सॉफ्ट चट्टान सामने आ गयी है तो सुरंग के लिए हो रही ब्लास्टिंग व बोरिंग कई नई दुर्घटनाओं को जन्म दे सकती है। पर्यावरण विद सुरेश भाई भी हिमालयी क्षेत्र में मानकों के उल्लंघन का आरोप लगा चुके हैं।

“सुरंग में जहां मजदूर फंसे हैं वहां तक अनुमानित 60 मीटर की दूरी है, जहां आगर मशीन की मदद से ड्रिलिंग पाइप इंसर्ट करके रास्ता बनाया जाएगा”, कर्नल पाटिल ने बताया “हमारा पुरानी मशीन के साथ प्लान ‘ए’ बेशक नाकामयाब रहा, लेकिन वर्तमान में प्लान बी पर काम कर रहे हैं और साथ ही प्लान सी भी तैयार है।

एक ओर जहां तकनीकी विशेषज्ञों को उम्मीद है कि गुरुवार को मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा, वही साथ ही साथ सुरंग की चट्टानों की ‘प्रवृत्ति’ को परखने और समझने के लिए टनल विशेषज्ञों द्वारा लगातार वीडियोग्राफी के द्वारा सुरंग में ‘चट्टानों के व्यवहार और प्रवृत्ति’ पर पल-पल के हालत पर नजर रखी जा रही है। कंपनी से जुड़े एक कर्मी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया, “इस काम के लिए दो लोगों को जिम्मेदारी दी गई है, जो टनल में वीडियो कैमरे से चौबीस घंटे पल-पल के हालत और रेस्क्यू ऑपरेशन पर भी नजर रखे हुए हैं।

उत्तरकाशी जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने सिल्कियारा से बताया, “मंगलवार रात को रेस्क्यू आपरेशन के दौरान ऑगर मशीन में तकनीक खराबी आने के बाद बुधवार को नई दिल्ली से नई मशीन मंगवाई गई। वायुसेना के दो हरक्यूलिस विमानों से चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर मशीन के पार्ट्स की खेप पहुंची”. वहीं, देर रात मशीन के आखिरी व महत्वपूर्ण पार्ट को सिलक्यारा साइट पर पहुंचाया गया.

मजदूरों को बचाने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (रिटा.) वी के सिंह सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए वहां पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का साइट निरीक्षण के साथ ही वह समीक्षा  भी करेंगे।

सीएम धामी ले रहे पल पल की जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा में चल रहे हैं रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं । मुख्यमंत्री धामी ने कमिश्नर गढ़वाल, आईजी गढ़वाल एवं राहत एवं बचाव में लगी एजेंसियों से सिलक्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन तथा टनल में फंसे श्रमिकों की कुशलक्षेम की हर पल की अपडेट ले रहे हैं |

मुख्यमंत्री ने सचिवालय में बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेस्क्यू कार्य में लगी सभी टेक्निकल एजेंसियों को हर संभव सहयोग दिया जाय। गढ़वाल कमिश्नर को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि रेस्क्यू कार्य में किसी भी प्रकार से विलंब न हो, मौके पर कार्य कर रही एजेंसियों को राज्य की तरफ़ से सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाये।मुख्यमंत्री बचाव कार्यों में लगी एजेंसियों और जिलाधिकारी उत्तरकाशी से भी समय- समय पर अपडेट ले रहे हैं।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय एवं सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी मौजूद थे।

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