उत्तराखंड

ऋषिकेश का स्कूल हुआ खस्ताहाल, जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर बच्चे

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ऋषिकेश के मालवीय मार्ग स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर 7 में बच्चे जर्जर भवन में पड़नेे को मजबूर हैं. विद्यालय के कमरों की दीवारों पर जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं, जिससे विद्यालय की छत गिरने का खतरा बना हुआ है. इस भवन में पिछले लगभग 8 दशकों से विद्यालय संचालित हो रहा है. वर्तमान में करीब 85 बच्चे इस स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं.

स्कूल की प्रिंसिपल ममता गौर ने बताया कि धर्मशाला का एक हिस्सा विद्यालय को दान दिया गया था. पहले ऊपर की मंजिल में भी कक्षाएं संचालित होती थीं, लेकिन अब कुछ लोगों ने ऊपरी मंजिल के तीन कमरों में ताला लगा दिया है. इस वजह से वहां बच्चों की कक्षाएं संचालित नहीं हो पा रही हैं.

इसके साथ ही विद्यालय के मेंटेनेंस का कार्य भी ठप पड़ा हुआ है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत बनाए गए शौचालय भी रखरखाव के अभाव में जर्जर हो चुके हैं. ममता गौर ने आगे बताया कि मई 2017 में जर्जर भवन के चलते स्कूल का पंखा एक छात्र के ऊपर गिर गया था. छात्र को चोट आई थी.

विद्यालय की दीवारों पर जगह-जगह दरारें आ गई हैं. जर्जर भवन में छात्रों और शिक्षकों को हर समय जान का डर सताता रहता है.

विद्यालय के कमरों में ताला जड़ने के आरोप पर धर्मशाला का संचालन कर रहे राकेश शर्मा ने कहा कि धर्मशाला द्वारा विद्यालय के लिए पांच कमरे दान दिए गए थे, जिसमें स्कूल चल रहा है. ऊपरी मंजिल के कमरे विद्यालय को कभी भी नहीं दिए गए थे. इन कमरों पर धर्मशाला का ही हक है.

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