Singhu Border Murder: युवक की निर्मम हत्या के आरोपी सरबजीत सिंह की आज कोर्ट में पेशी, जानें 10 बड़ी बातें
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युवक की बेरहमी से हत्या के मामले में आरोपी सरबजीत सिंह को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा.
Singhu Border Murder: दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के मंच के पास शुक्रवार सुबह एक हाथ कटा शव मिलने से हड़कंप मच गया था. वहीं, शाम होते-होते इस मामले में सरबजीत सिंह (Sarabjeet Singh) नाम के निहंग ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. आज पुलिस उसे सोनीपत के कोर्ट में पेश करेगी.
नई दिल्ली/सोनीपत. दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर पिछले 11 महीने से केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के मंच के पास शुक्रवार की सुबह एक युवक का हाथ कटा शव मिलने के बाद से सियासी पारा चढ़ा हुआ है. हालांकि रोहतक रेंज के एडीजीपी संदीप खिरवार, सोनीपत के डीसी ललित सिवाच और सोनीपत के एसपी जेएस रंधावा की कवायद के बाद शुक्रवार को शाम होते-होते इस मामले में सरबजीत सिंह (Sarabjeet Singh) नाम के निहंग ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. यकीनन इस नृशंस हत्या ने सबके रोंगटे खड़े कर दिए हैं. वहीं, आरोपी को आज यानी शनिवार को सोनीपत की अदालत में पेश किया जाएगा. वहीं, इस हत्या के पीछे सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी की बात सामने आयी है.
बहरहाल, इस मामले को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा, ‘वह स्पष्ट करना चाहता है कि घटना में शामिल दोनों पक्षों, निहंगों के समूह और मृतक का किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है. किसानों का शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रदर्शन किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करता है. वहीं, इस पर कांग्रेस ने कहा कि मामले की जांच करना सरकार की जिम्मेदारी है और कानून को अपना काम करना चाहिए. जबकि भाजपा ने किसान नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि इन प्रदर्शनों के पीछे के ‘अराजकतावादियों’को बेनकाब करने की जरूरत है, क्योंकि वे देश का बड़ा नुकसान कर रहे हैं.
क्या है सरबलोह ग्रंथ ?
वहीं, इस हत्या के पीछे सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी का मामला बताया जा रहा है. वैसे सरबलोह ग्रंथ का शाब्दिक रूप से अर्थ ‘सर्वव्यापी धर्मग्रंथ’ है, लेकिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब के विपरीत सरबलोह ग्रंथ कुछ हिस्सों को छोड़कर मुख्यधारा के सिख समुदाय द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है. हालांकि निहंग इसे उच्च सम्मान में रखते हैं.
जानें बड़ी बातें
रोहतक रेंज के ADGP संदीप खिरवार इस मामले को लेकर सोनीपत के डीसी ललित सिवाच और सोनीपत के एसपी जेएस रंधावा के साथ शुक्रवार दोपहर सवा 2 बजे से कुंडली थाने में डेरा डालकर बैठे रहे. तीनों अधिकारी लगातार निहंगों और किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं से बातचीत करते रहे, ताकि वारदात में शामिल लोगों का सरेंडर कराया जा सके. इसके बाद शाम को एक निहंग ने इस मामले में सरेंडर किया.
सिंघु बॉर्डर की घटना पर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास में हाई लेवल मीटिंग हुई. इसमें गृह मंत्री अनिल विज, पुलिस महानिदेशक समेत सीनियर अफसर शामिल हुए. मीटिंग में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, युवक पर धारदार हथियार से हमला किया गया. उसका एक हाथ कलाई से काटा गया है और गर्दन पर चोट के साथ ही शरीर पर 10 से ज्यादा चोट के निशान मिले हैं. वहीं, उसका एक पैर भी काटा गया, लेकिन वह शरीर से अलग नहीं हो सका. जबकि रिपोर्ट में मौत का कारण चोट और ज्यादा खून बहना बताया गया है. युवक को रस्सी से बांधकर लटकाया गया था. शरीर पर रगड़ने के निशान भी मिले हैं. शव का पोस्टमार्टम 2 घंटे से ज्यादा समय तक चला.
युवक की हत्या के मामले में सरबजीत सिंह नाम के निहंग ने पुलिस टीम के सामने सरेंडर किया है. इस दौरान उसने कहा कि यह किसान आंदोलन का नहीं बल्कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला है.
सरबजीत के सरेंडर से पहले निहंगों ने उसे सम्मानित करते हुए एक वस्त्र दिया और कहा कि उसने ऐसे व्यक्ति को सजा दी जिसने कथित तौर पर पवित्र ग्रंथ की बेअदबी की. निहंग सिख परंपरा के हैं और अपने नीले परिधान के लिए जाने जाते हैं और अकसर तलवार लिए होते हैं.
मृतक की पहचान लखबीर सिंह ( 35 साल) के तौर पर हुई है, जो कि दलित है. वह पंजाब के तरनतारण जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था. वह मजदूरी कर पेट पालता था. जब लखबीर छह महीने का था तब उसे हरनाम सिंह नाम के एक व्यक्ति ने गोद लिया था. लखबीर के असली पिता का नाम दर्शन सिंह था. वहीं, उसकी बहन का नाम राज कौर है. वैसे शादीशुदा लखबीर की पत्नी जसप्रीत उसके साथ नहीं रहती थी. दोनों की तीन बेटियां हैं.
लखबीर कुछ समय पहले सिंघु बॉर्डर आया था और उसने गुरु (पवित्र ग्रंथ) की सेवा करने की इच्छा जताई थी. इसके बाद धीरे-धीरे उसने सबका भरोसा जीत लिया. जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को तड़के सुबह करीब साढ़े तीन बजे प्रकाश पूजा करने से पहले पक्के सेवादार स्नान करने के लिए गए थे. उसी दौरान लखबीर ने पवित्र ग्रंथ के साथ बेअदबी की. वह ग्रंथ को लेकर अपने साथ भागा भी, लेकिन उसे कुछ दूरी पर समूह के लोगों ने पकड़ लिया और पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी. इस घटना के कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं. युवक की हत्या करने के बाद शव को बैरिकेड से लटकाने से पहले उसे कई मीटर तक घसीटा गया था. मौत के समय वह खून से लथपथ था.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक युवक के पास खड़े हुए देखा गया है और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा है. निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक ने सिखों की पवित्र ग्रंथ की बेअदबी की है. वहीं, एक अन्य
वीडियो में युवक को मरने से पहले पंजाबी में कुछ कहते हुए और निहंगों से माफ करने की गुहार लगाते हुए सुना जा सकता है. वीडियो में दिखाई देता है कि निहंग लगातार उससे पूछ रहे हैं कि बेअदबी करने के लिए किसने उसे भेजा था.
सोनीपत के डीएसपी हंसराज ने कहा कि शुक्रवार सुबह 5 बजे थाना कुंडली में सूचना मिली कि जो किसान आंदोलन चल रहा है उसकी स्टेज के पास एक व्यक्ति के हाथ पैर काटकर शव लटकाया हुआ है. सोनीपत पुलिस जब तक घटनास्थल पर पहुंचती, तब तक व्यक्ति की मौत हो गई थी. कुछ लोग वहां पर खड़े थे. जब पुलिस ने शव वहां से निकालने की कोशिश की, तो उन्होंने प्रदर्शन किया. हालांकि थोड़ी कोशिश के बाद शव को सिविल अस्पताल लाया गया.
गौरतलब है कि पिछले साल पटियाला जिले में एक गांव के बाजार में कर्फ्यू पास मांगने पर निहंगों के एक समूह ने तलवार से एक पुलिस कर्मी का हाथ काट दिया था और छह अन्य को घायल कर दिया था. बाद में पुलिसकर्मी के हाथ को चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमईआर में जोड़ा गया.
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