कोविड प्रोटोकॉल को लेकर हुआ सर्वेक्षण, जानें अब कितना हो रहा सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने के नियम का पालन
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नई दिल्ली: त्योहारों का मौसम चल रहा है ऐसे में जमकर लोग खरीदारी और दूसरे कामों के लिए बाहर निकल रहे हैं. सरकार लगातार लोगों को महामारी (Corona Pandemic) के दौर में सावधानी बरतने की सलाह दे रही है. थोड़ी सी लापरवाही बड़ी मुश्किल पैदा कर सकती है. इस बीच एक सर्वेक्षण (Survey) में खुलासा हुआ है कि त्योहारों खासकर दिवाली के समय कोरोना नियमों जैसे सामाजिक दूरी (Social Distancing) और मास्क (Masking) संबंधी प्रोटोकॉल (Covid Protocol) का पालन निम्न स्तर पर पहुंच गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ 2 प्रतिशत लोगों को लगता है कि मास्क लगाने के नियमों का पालन हुआ है जबकि वहीं तीन प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें ये लगता है कि उनके शहर में लोग सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन कर रहे हैं.
यह सर्वेक्षण एक डिजिटल समुदाय पर आधारित प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल द्वारा किया था. इसमें देश के 366 जिलों में करीब 20,000 से अधिक नागरिकों से त्योहारों के दौरान कोरोना नियमों को लेकर सवाल किए गए थे. इन सवालों के जवाब में करीब 39000 से अधिक प्रतिक्रियाएं सामने आईं. लोगों ने बताया कि त्योहारी सीजन में लोग किस तरह से कोरोना नियमों का पालन कर रहे हैं और अब लोग कितना कोविड प्रोटोकॉल को लेकर सक्रिय हैं.
35 प्रतिशत महिलाओं ने लिया भाग
सर्वेक्षण में पूछे गए सवालों का जवाब देने वाले लोगों में करीब 47 प्रतिशत लोग टियर 1 जिलों से थे जबकि वहीं 30 प्रतिशत लोग टियर 2 जिलों से थे. 23 प्रतिशत लोग टियर 3-4 से और ग्रामीण क्षेत्रों से संबंध रखने वाले थे. इस सर्वेक्षण में करीब 65 प्रतिशत पुरुष ने जवाब दिया जबकि वहीं सिर्फ 35 प्रतिशत महिलाएं इसमें शामिल हुईं.
कोरोना काल में मास्किंग के सवाल पर सिर्फ 2 प्रतिशत लोगों ने जवाब दिया कि उनके क्षेत्र में 90 प्रतिशत लोग से अधिक मास्क के नियम का पालन कर रहे हैं. 16 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने कहा कि मास्क नियम का अनुपालन सिर्फ हवाई अड्डे या फिर यात्रा के दौरान बस या रेलवे स्टेशन पर प्रभावी है.
सिर्फ यात्रा के दौरान मास्क रहा प्रभावी
सितंबर के महीने में किए गए इस सर्वेक्षण में 13 प्रतिशत लोगों ने यह महसूस किया कि उनके क्षेत्र या शहर में मास्क लगाने का पालन ठीक प्रकार से हुआ जबकि 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सिर्फ यात्रा के दौरान मास्क लगाने के नियम का ठीक प्रकार से पालन हुआ. सिर्फ तीन प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्हें यह लगा कि उनके क्षेत्र में ठीक प्रकार से सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया गया. 9 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने कहा कि अब यात्रा के दौरान सामाजिक दूरी न के बराबर है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए थे आंकड़े
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 6 जुलाई की एक ब्रीफिंग में कहा था कि 29 प्रतिशत लोग महसूस करते हैं कि उनके क्षेत्र या जिले में मास्किंग अनुपालन प्रभावी रहा. 11 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्हें यह लगा कि उनके आसपास सामाजिक दूरी का पालन ठीक प्रकार से हुआ. इस आंकड़े के बाद जब सितंबर में सर्वेक्षण किया गया तो इसके रिजल्ट में सरकार के द्वारा बताए गए आकंड़े में काफी अंतर आ चुका था. मास्किंग अनुपालन रेटिंग में 29 प्रतिशत से 2 प्रतिशत तक की गिरावट और सामाजिक दूरी अनुपालन रेटिंग में 11 प्रतिशत से 3 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई.
लोकल सर्किल्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिवाली के अवसर पर लोग बिना किसी नियम के खरीदारी कर रहे हैं. शहरों में मेलों का आयोजन किया जा रहा है और लोग पार्टियों का आयोजन भी कर रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि अब लोग दो साल के बंधन के बाद उत्साह के साथ त्योहारों की तैयारी कर रहे और इन सब के बीच कोरोना से बचाव के नियमों को दरकिनार कर रहे हैं जो कि एक चिंता का विषय है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अधिकारियों को दिवाली मेलों के लिए बड़ी संख्या में लोगों को एक आने से रोकना चाहिए.
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