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हिमाचल प्रदेश में कोरोना की चौथी लहर से निपटने के लिए नहीं बची कोविशील्ड की एक भी डोज

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हिमाचल। प्रदेश में कोरोना की चौथी लहर से निपटने के लिए कोविशील्ड की एक भी डोज नहीं बची है, जबकि कोवैक्सीन की भी भारी कमी है। कोविड से लड़ने की तैयारियों को लेकर मंगलवार को हुई मॉकड्रिल में वैक्सीन की कमी उजागर हुई। प्रदेश में कोवैक्सीन की 20 हजार डोज उपलब्ध हैं, जबकि कोविशील्ड हिमाचल में ही नहीं, बल्कि समूचे देश में उपलब्ध नहीं है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल में प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों ने कोविड की तैयारियों और उपलब्ध संसाधनों को लेकर जानकारी साझा की है। प्रदेश में इस समय कोरोना के 31 सक्रिय मरीज हैं। जिला किन्नौर और लाहौल-स्पीति में कोई कोविड संक्रमित नहीं है।

कोविड से निपटने के लिए प्रदेश भर में मॉकड्रिल की गई। सभी जिला उपायुक्तों, सीएमओ और बीएमओ ने तैयारियों का जायजा लिया। कमियां तुरंत दूर करने के निर्देश दिए हैं। मॉकड्रिल के दौरान स्वास्थ्य संस्थानों ने बिस्तरों की व्यवस्था, ऑक्सीजन सिलिंडरों की उपलब्धता, वेंटिलेटर, वैक्सीन, कोविड से निपटने के लिए दवाइयों और स्टाफ की विस्तृत जानकारी दी। यह सारी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल में उपलब्ध करवा दी गई है। इस पर हर दिन निगरानी रखी जाएगी, ताकि कोविड से निपटने में कोई समस्या न रहे। कई संस्थानों ने कोविड से निपटने के लिए दवाओं की कमी बताई है। इन संस्थानों से कहा गया है कि दवाइयाें का उपयुक्त स्टॉक रखा जाए।

कोविड से निपटने के लिए दवाओं का उचित स्टॉक रखने के लिए कहा गया है। प्रदेश में कोविशील्ड खत्म है, कोवैक्सीन की सिर्फ 20 हजार डोज ही उपलब्ध हैं। केंद्र सरकार के समक्ष वैक्सीन की कमी का मामला उठाया गया है।



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