उत्तराखंड

यमकेश्वर विधानसभा सीट से यूकेडी के प्रवक्ता शांति प्रसाद भट ने किया नामांकन, इस बार त्रिकोणीय मुकाबले की ओर विधानसभा

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यमकेश्वर। यमकेश्वर विधानसभा से यूकेड़ी के केन्द्रीय प्रवक्ता और यमकेश्वर विधानसभा प्रत्याशी शांति प्रसाद भट्ट ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। इस बार यमकेश्वर में नई राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए यूकेड़ी को समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है। यूकेडी को समर्थन मिलने से जातीय समीकरणों के उलझन में यमकेश्वर विधानसभा सीट फंसती नजर आ रही है।
एक ओर रेनू बिष्ट बीजेपी की उम्मीदवार है, बीजेपी ने उनको पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार बतौर दूसरे नम्बर पर रहने के कारण इस बार रेनू बिष्ट को यमकेश्वर से बतौर प्रत्याशी बनाया है, हालांकि यमकेश्वर बीजेपी का गढ माना जाता रहा है, लेकिन समीकरणों पर नजर मारी जाय तो हर बार काग्रेंस का बागी विधायक के निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण बीजेपी को बढत मिली है। इस बार यदि ऐसा कुछ होता है तो बीजेपी अपने गढ को बचाने में सफल रहेगी। वहीं शैलेन्द्र रावत कांग्रेस के उम्मीदवार जरूर हैं, लेकिन इस बार मतदाता का रूझान  कांग्रेस  पार्टी की ओर कम और उनके व्यक्तित्व पर ज्यादा बताया जा रहा है।हालांकि अभी तक के रूझानों में शैलेन्द्र रावत बढत बनाये हुए हैं, वही ऋतु खण्डूरी को यमकेश्वर विधानसभा की सीमा से लगी सीट कोटद्वार से टिकट मिलने से काफी कुछ असर यमकेश्वर और कोटद्वार पर दिखाई देगा, क्योंकि दोनों तरफ यमकेश्वर के मतदाता अधिक हैं, और ऋतु खण्डूरी के यमकेश्वर के समर्थक उन्हें जीताने के लिए भरसक प्रयास करेगा।

      वहीं बीजेपी से एवं काग्रेंस में टिकट बॅटवारे को लेकर उपजे विवाद से नाराज मतदाता जो अभी मौन है, वह कहीं ना कहीं यूकेड़ी को अपना समर्थन दे सकता है। ऐसे में शांति प्रसाद भट्ट का मत प्रतिशत इस बार उछाल मार सकता है, जिससे यूकेडी को काफी कुछ मतदान उसके पक्ष में होने के आसार बताये जा रहे हैं। वहीं यूकेडी का सोशल मीडिया प्रचार में अभी बहुत कमजोर दिखाई दे रही है, लेकिन बताया जा रहा है कि कार्यकर्ता जमीन पर मेहनत कर रहा है, लेकिन यूकेड़ी को अपना सोशल मीडिया प्लेटफार्म को मजबूत करना होगा।

वहीं जातिगत समीकरणो की बात की जाय तो 40 प्रतिशत बा्रहमण मतदाता और 40 प्रतिशत ही ठाकुर मतदाता है, एवं 20 प्रतिशत मतदाता जिसमें एस सी है, जो कि निर्णायक भूमिका में रहता है, इस बार के समीकरण को बिगाड़ने में बहुत बड़ा योगदान रहेगा। अभी आम आदमी पार्टी से बीजेपी से बगावत करने वाले महावीर कुकरेती को टिकट मिलता है तो इससे काफी कुछ प्रभाव बीजेपी पर पड़ने के आसार है, यदि बीजेपी उन्हें मान मनौवल से मना देती है तो उसका फायदा बीजेपी और यूकेड़ी को होगा।

         शांति प्रसाद भट्ट क्षेत्रीय उम्मीदवार होने एवं यूकेड़ी के प्रति लोगों की सुहानूभूति मिलने से पिछली बार की अपेक्षा इस बार मजबूत दिखाई दे रहे हैं। इस बार देखने वाली बात यह होगी कि दोनों राष्ट्रीय दल किस तरह से मतदाताओं को लुभाते हैं, और चुनाव को मोड़ते हैं, यह आने वाले आखिरी दिनों में देखने को मिलेगा।



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