अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन(एफबीआई) ने किया पेगासस की क्षमता का निरक्षण
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वाशिंगटन। वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित खबर के अनुसार एफबीआई ने स्पष्ट किया है कि इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किसी भी जांच में मदद के लिए नहीं किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक एफबीआई और कानून मंत्रालय के बीच इस बात को लेकर चर्चा हुई है कि ब्यूरो पेगासस को कैसे इस्तेमाल करेगा।पेगासस के जरिये फोन को गुपचुप तरीके से हैक करके उसके कैमरा और माइक्रोफोन तथा फोन में मौजूद कॉन्टैक्ट, मैसेज आदि तक पहुंच स्थापित कर लेता है।
अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (एफबीआई ) ने यह पुष्टि की है कि इजरायल की कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाईवेयर के इस्तेमाल का लाइसेंस है और उसने इस सॉफ्टवेयर की क्षमता का परीक्षण किया है।
इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए द वर्ज ने कहा कि यह चिंताजनक बात है। एनएसओ ने हमेशा यह दावा किया है कि पेगासस का इस्तेमाल प्लस1 कंट्री कोड वाले फोन नंबर पर नहीं किया जा सकता है और इसे सिर्फ अमेरिका के बाहर के देशों में इस्तेमाल किये जाने की उम्मीद है।एफबीआई ने एनएसओ के साथ 5 मिलियन डॉलर के बिल और पेगासस का करार दोबारा करने के संबंध में लगाये गये आरोपों की पुष्टि नहीं की है।
एनएसओ समूह को देश में स्थित अन्य टेक कंपनियों के साथ कारोबार करने के कारण अमेरिकी सरकार ने ब्लैकलिस्ट किया हुआ है। टेक कंपनी एप्पल ने नवंबर 2021 में एनएसओ के खिलाफ मामला दर्ज कराया और उसके एप्पल के सॉफ्टवेयर, सर्विस और उपकरण पर रोक लगाने की मांग की। एप्पल ने यह स्वीकार किया है कि उसके कुछ उपभोक्ताओं को पेगासस के जरिये निशाना बनाया गया है। एप्पल ने कई उपभोक्ताओं को थ्रेट नोटिफिकेशन अलर्ट भी भेजा।
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