उत्तराखंड

ऋषिकेश: ई-रिक्शा के खिलाफ विक्रम-ऑटो चालकों का प्रदर्शन, बोले- मांगें नहीं मानी तो…

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ऋषिकेश शहर में चल रहे ई-रिक्शा के खिलाफ विक्रम ऑटो और टैक्सी महासंघ ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया. चालकों ने आधे दिन तक अपने-अपने वाहनों के पहिए भी जाम रखे. इस दौरान विक्रम ऑटो संचालकों ने एआरटीओ कार्यालय का घेराव कर ई-रिक्शा पर नियंत्रण रखने की मांग की. गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर विक्रम चालक जुलूस निकालते हुए एआरटीओ कार्यालय का घेराव करने पहुंचे. इस दौरान यूनियन के पदाधिकारियों ने एआरटीओ को ज्ञापन सौंपा, जिसमें आरोप लगाया कि ई-रिक्शा चालक नियम विरुद्ध हाईवे पर सवारियों को लेकर आवागमन कर रहे हैं. इस वजह से उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ रहा है. साथ ही शहर में जाम की स्थिति भी बन रही है.

गढ़वाल विक्रम टेंपो वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत ने बताया कि वर्तमान समय में शहर के अंदर 1300 टेंपो और 700 ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं. यह शहर बहुत छोटा है. यहां पहले से ही सड़कों की स्थिति के अनुसार वाहनों की संख्या बहुत अधिक है. शहर में पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं है.

टेंपो चालकों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. मुख्य रूप से उनकी मांग वर्तमान समय में चल रहे ई-रिक्शा का रूट निर्धारित करने और भविष्य में नए ई-रिक्शा का पंजीकरण नहीं करने की है.

एआरटीओ अरविंद पांडे ने बताया कि ई-रिक्शा को भारत सरकार ने परमिट मुक्त रखा है. जिसकी वजह से वह किसी भी राज्य में टैक्स जमा कर किसी भी मार्ग पर आवागमन कर सकते हैं. रजिस्ट्रेशन रोकना और रूट निर्धारित करने का अधिकार केंद्र या राज्य सरकार के पास है.

वहीं योग नगरी ई-रिक्शा एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि जाम और एक्सीडेंट शहर में बड़ी संख्या में चल रहे विक्रम और ऑटो के कारण होते हैं. ई-रिक्शा सस्ते दामों में लोगों को सुविधा मुहैया कराने के साथ-साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रखता है.

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