उत्तराखंड

राजकीय इंटर कॉलेज खरसाड़ा में किया गया लेखन कार्यशाला का आयोजन, बच्चों ने दिखाई अपनी प्रतिभा

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टिहरी। काफी समय से बच्चों के साथ लिखने-पढ़ने को लेकर बातचीत होती रही, रोज के औपचारिक रूटीन से हटकर ओऱ कभी – कभार बच्चों के साथ कुछ गतिविधियां करते हुए विचार आया, कि कुछ रोज बच्चों के साथ अनौपचारिक गतिविधियां हो । इसी बीच बच्चों के साथ कुछ लेखन को लेकर भी बातचीत होती रही। बात डायरी लिखने से शुरु हुई । कुछ बच्चे डायरी लिखने लगे । बच्चों की रुचि को देखते हुए लगा क्यों न दो या तीन दिन की लेखन कार्यशाला की जाए, जिससे इन्हें कुछ और बेहतर दिशा मिल सके। बच्चों और साथियों के साथ चर्चा के साथ ही शिक्षक साथी एवं प्रख्यात बाल साहित्यकार मनोहर चमोली ‘मनु’ से कार्यशाला में संदर्भ व्यक्ति के रूप में शामिल होने पर बातचीत हुई । मनु भाई हमेशा की तरह सहर्ष तैयार हो गये । आखिरकार 9, 10,11 सितम्बर 2022 को कार्यशाला तय हो गई । कार्यशाला की थीम सुनना … देखना … सोचना … और लिखना साथ-साथ तय हुई।

आज पहले दिन ठीक 8 बजे प्रातः कार्यशाला शुरू हुई । शिक्षक दीपक रावत जो कि विद्यालय के पुराने छात्र हैं , वह भी कार्यशाला में शामिल होने पहुंचे । दीपक के साथ प्रतिभागी बच्चों के आठ समूह बनाये गये। बच्चो ने अपने- अपने समूहों के नाम बकलोल , चूज़े चार , गोलमाल , बकैती , चंपा चमेली , स्वीटी स्पेशल , पागल पंथी और गोलमाल है रखे।
कुछ गतिविधियों के साथ ही कार्यशाला पर सामान्य बातचीत बच्चों के साथ की गई । मनु भाई भी पौड़ी से सुबह चलकर 9 बजे तक पहुंच गये। सभी प्रतिभागियों के परिचय के बाद कुछ और गतिविधियां हुई । इस तरह प्रथम सत्र सम्पन्न हुआ।

द्वितीय सत्र में बच्चों को अपने आस-पास के शब्द अपने-अपने समूह में लिखने को दिए गये। यह भी कहा गया कि ऐसी चीजें और बातें लिखें जो संभवतः आंचलिक हों! बच्चों द्वारा लिखे गये कुछ शब्दों को ग्रीन बोर्ड में लिखा गया। उसमें बाद मनु भाई ने बच्चों को दो छोटी-छोटी कहानियां दिखाई और सुनाई । चन्दन यादव की कहानी कुत्ते के अंडे और मुकेश मालवीय जी की कहानी पाँच खंबों वाला गाँव बच्चों को अच्छी लगी । इन कहानियों पर बातचीत के बाद द्वितीय सत्र सम्पन्न हुआ।

सूक्ष्म जलपान के बाद तीसरे सत्र में बच्चों के प्रत्येक समूह को बोर्ड पर लिखे शब्दों में से किसी एक शब्द को चुनकर उस शीर्षक से समूहवार कहानी लिखने को कहा गया। बच्चों ने सामूहिक रूप से चुने गये शब्द पर कहानी बुनी। जिसे उन्होंने एक चार्ट पेपर पर लिखा। समूह में मुंगरी, पालु , छाला, आरु, माछा, काखड़ी, कुलाड़ु और कलच्वाणी पर शानदार नहीं तो रेखांकित कहानियाँ आईं। उसके बाद प्रत्येक कहानियों को सभी बच्चों के समक्ष प्रस्तुत किया गया. और उन पर बातचीत हुई। इस तरह तीसरा सत्र सम्पन्न हुआ ।

चौथे सत्र की शुरुआत रचनात्मक एवं मनोरंजक गतिविधि से हुई। इसके बाद बच्चों से चलन से लगभग बाहर हो गये।
शब्दो / चीजों के साथ ही ‘नहीं है पर है ‘ के संदर्भ में शब्दों को बताने को कहा गया। बच्चों द्वारा बताए गए शब्दों को ग्रीन बोर्ड पर लिखा गया। उसके बाद सभी बच्चों को इन शब्दों में से अपनी पसंद के पांच शब्द छांटकर अपनी नोटबुक में लिखने को कहा गया। इन शब्दों में से किसी एक पर कहानी लिखने को दी गई । जिसे बच्चे घर से लिखकर लायेंगे। कार्यशाला के प्रथम दिन का समापन रचनात्मक गतिविधि से हुआ।

कार्यशाला में पी॰टी॰ए॰ अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत और विद्यालय प्रबंधक समिति के अध्यक्ष विनोद राणाकोटी ने आकर कार्यशाला को शुभकामनाएं देने के साथ ही बच्चों के लिए सूक्ष्म जलपान का भी आयोजन किया।



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