खड़ंजे में बदली सड़क के कारण 22 लोगो ने गंवाई जान, सोता रहा प्रशासन
[ad_1]
पिथौरागढ़। धारचूला से रांथी जाने वाली सड़क जिले की सबसे बदहाल सड़कों में शुमार है। खड़ंजे में तब्दील हो चुकी इस सड़क में हुई दुर्घटनाओं में अब तक 22 जानें चली गईं हैं। इसके बाद भी तंत्र ने आज तक कोई सुध नहीं ली है। आलम यह है कि तीन मुख्यमंत्रियों की ओर से की गई चौड़ीकरण की घोषणा के बाद भी सड़क का सुधार नहीं हो सका है।
15 हजार की आबादी वाले रांथी क्षेत्र की जनता को यातायात सुविधा का लाभ पहुंचाने के लिए वर्ष 1991-92 में हल्का वाहन मोटर मार्ग का निर्माण हुआ था। बेहद संकरी इस सड़क में आज तक डामर नहीं किया गया। एक तरफ पहाड़ी और एक ओर सैकड़ों फुट गहरी खाई वाली इस सड़क में अब तक हुई दुर्घटनाओं में 22 लोग जान गंवा चुके हैं।
यात्री जीपों के साथ ही माल वाहक वाहन भी इस सड़क पर संचालित होते हैं लेकिन सड़क की बदहाली के कारण हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्रियों की घोषणा के बाद भी सड़क का चौड़ीकरण नहीं किया गया है। लोगों का यह भी कहना है कि लोनिवि की ओर से भी सड़क सुधार के केवल कोरे आश्वासन दिए जाते हैं।
– वीके सिन्हा, ईई लोनिवि खंड अस्कोट (पिथौरागढ़)। रांथी गांव के लिए सड़क बनाने का प्रस्ताव मिला है। इसके लिए वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके तहत दो चरण की मंजूरी मिलने के बाद ही सड़क निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा।
ग्रामीणों की पीड़ा
-केशर सिंह धामी, सामाजिक कार्यकर्ता। लोक निर्माण विभाग ने भी इस सड़क की बदहाली पर कोई ध्यान नहीं दिया है। 20 से अधिक लोग जान गवां चुके हैं। प्रदेश के तीन मुख्यमंत्रियों ने सड़क चौड़ीकरण की घोषणा की थी इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ।
-लीला धामी, पूर्व प्रधान रांथी। रांथी में 15 हजार की आबादी रहती है। दशकों पूर्व बनाए गए हल्का वाहन मोटर मार्ग का चौड़ीकरण नहीं किया गया है। हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। आंदोलन करने के बाद भी कोई सुध नहीं ली जा रही है।
-मदन सिंह धामी, पूर्व सैनिक रांथी। रांथी को जाने वाली सड़क खड़जा मार्ग जैसी नजर आती है। प्रतिदिन गांव के लिए लोग वाहनों में यात्रा करते हैं लेकिन दुर्घटना का भय बना रहता है। कई बार आंदोलन भी किए गए लेकिन आज तक सड़क का सुधार नहीं हुआ है।
[ad_2]
Source link