राष्ट्रीय

सुपरटेक ट्वीन टावर मामले में 4 Retd IAS पर आरोप तय, ऐसे पहुंचाया था बिल्डर को फायदा

[ad_1]

नोएडा. सुपरटेक (Supertech) की एमराल्ड योजना के ट्वीन टावर (Twin Tower) मामले में 4 रिटायर्ड आईएएस अफसरों को इस मामले में दोषी पाया गया है. जांच के बाद अफसरों के खिलाफ आरोप भी तय कर दिए गए हैं. जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में हुए नुकसान की भरपाई आईएएस अफसरों (IAS Officer) की पेंशन से जा सकती है. देश में आर्थिंक मंदी के दौरान नियमों को ताक पर रखकर बिल्डर्स को फायदा पहुंचाया गया था. मामले के तूल पकड़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इसकी जांच के आदेश दिए थे. दोनों टावर को गिराने के साथ ही नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) के संबंधित दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही थी. इसी के बाद इस मामले की कैग और यूपी एसआईटी (SIT) ने जांच की थी.

2 सीईओ और 2 एसीईओ ने ऐसे पहुंचाया था फायदा

सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की एमराल्ड योजना के ट्वीन टावर को गिराने के आदेश दिए हैं. जानकारों की मानें तो निर्माण करते वक्त दो टावर के बीच 16 मीटर की दूरी होनी चाहिए, लेकिन एमरॉल्ट योजना के मामले में ऐसा नहीं किया गया. साल 2009 से 2012 के बीच नोएडा अथॉरिटी में तैनात रहे 4 आईएएस अफसर 2 सीईओ और 2 एसीईओ ने सभी नियमों को ताक पर रखकर बिल्डर्स को फायदा पहुंचाया था. यही वजह है कि वैश्विक मंदी के उस दौर में जब सभी कारोबार कराह उठे थे तो नोएडा के कुछ बिल्डर्स चांदी काट रहे थे.

ये थे नोएडा अथॉरिटी के नियम-

किसी भी बिल्डर्स को ग्रुप हाऊसिंग का प्लॉट लेने के लिए जमीन की कीमत का 10 फीसद पैसा रजिस्ट्रेशन के वक्त और 20 फीसद आवंटन के वक्त देना होता था. बाकी 70 फीसद पैसा 5 साल के दौरान 10 बराबर किस्तों में चुकाना होता था.

20 लाख रुपये-कार लेकर ATM हैकर्स को छोड़ने का आरोपी SOG इंस्पेक्टर बर्खास्त, ऐसे मिले सुबूत

लेकिन जब बदल दिए गए नियम-

नियम बदलने के बाद ग्रुप हाऊसिंग का प्लॉट लेने के लिए जमीन की लागत का 5 फीसद रजिस्ट्रेशन शुल्क और 5 फीसद आवंटन शुल्क कर दिया गया. आवंटन के बाद तीन साल तक बकाया पैसे पर केवल ब्याज लेने का नियम बना दिया गया. वहीं तीन साल बाद 7 सालों में 14 बराबर किस्तों में बाकी 90 फ़ीसदी पैसा देने की रियायत बिल्डर्स को दे दी गई.

Tags: Noida Authority, Supertech Twin Tower case, Supreme court of india



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *