ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के नाम पर खफा हुआ संत समाज, ‘योग नगरी’ हटाने की मांग
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योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन.
संत समिति का मानना है कि ऋषिकेश पौराणिक काल से ही तीर्थ नगरी के नाम से प्रसिद्ध है और यह नाम सदियों से यहां रह रहे साधु-संतों के सम्मान का प्रतीक भी है.
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन बिछाई जा रही है. चारधाम यात्रा रेलमार्ग के लिए पहला स्टेशन योग नगरी ऋषिकेश करीब एक से डेढ़ साल पहले बनकर तैयार हो चुका है. रेलवे स्टेशन का नाम योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (Yog Nagari Rishikesh Railway Station) रखा गया है, जिसको लेकर अब ऋषिकेश की संत समिति नाराज नजर आ रही है.
दरअसल, संत समिति का मानना है कि ऋषिकेश पौराणिक काल से ही तीर्थ नगरी के नाम से प्रसिद्ध है और यह नाम सदियों से यहां रह रहे साधु-संतों के सम्मान का भी प्रतीक है. इसके साथ ही उत्तराखंड के चारों तीर्थों की यात्रा की शुरुआत भी ऋषिकेश से ही हुआ करती थी. यही वजह है कि इस जगह को तीर्थ नगरी कहा जाता है.
ऋषिकेश संत समिति के अध्यक्ष विनय सारस्वत ने कहा कि ऋषिकेश में बना रेलवे स्टेशन इस शहर की शान है, लेकिन इसका नाम योग नगरी रेलवे स्टेशन से बदलकर तीर्थ नगरी रेलवे स्टेशन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन के नाम बदलने को लेकर संत समिति द्वारा एक प्रस्ताव पास कर नगर निगम मेयर को दिया गया था.
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