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Bihar: NIA कोर्ट ने 9 दोषियों को सुनाई सज़ा, नरेंद्र मोदी की रैली में सीरियल ब्लास्ट की रची थी साजिश

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पटना. पटना के गांधी मैदान (Gandhi Maidan) में आठ साल पहले हुए ब्लास्ट (Patna Blast) मामले में NIA कोर्ट ने सोमवार को नौ दोषियों को सजा का ऐलान किया. NIA के विशेष न्यायाधीश गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा ने दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद चार दोषियों को फांसी (Death Sentence) और दो को उम्रकैद (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है. इसके अलावा अदालत ने दो दोषियों को 10 साल की सजा, जबकि एक को सात साल की सजा का ऐलान किया है.

एनआईए कोर्ट द्वारा दोषी ठहराये गये हैदर अली, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज आलम को फांसी की सजा सुनाई है. जबकि उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को उम्रकैद की सजा का ऐलान किया गया है. वहीं, अहमद हुसैन व मो. फिरोज असलम को दस-दस साल और इफ्तिखार आलम को सात साल की सजा सुनाई गई है.

NIA कोर्ट ने 27 अक्टूबर को इस मामले में दस में से नौ आरोपियों को दोषी माना था, जबकि एक आरोपी को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था. जिन आरोपियों को कोर्ट ने दोषी माना था उसमें हैदर अली, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैशी के नाम शामिल हैं जबकि फकरुद्दीन को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था. सोमवार को इन सभी दोषियों को NIA कोर्ट में लाया गया.

आठ साल पहले गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली में किया था सीरियल ब्लास्ट

बता दें कि 27 अक्टूबर, 2013 के दिन पटना के गांधी मैदान में हुंकार रैली में बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के तत्कालीन उम्मीदवार नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे. इस दौरान एक के बाद एक सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुआ था. गांधी मैदान से पहले एक धमका पटना जंक्शन पर हुआ था. इस धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि करीब 89 लोग घायल हुए थे. इस मामले का अनुसंधान NIA ने अगले दिन से ही शुरू कर दिया था और महज एक साल के अंदर 21 अगस्त 2014 को कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.

एनआईए की टीम ने इस मामले में हैदर अली, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मोहम्मद फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और तौफिक अंसारी को गिरफ्तार किया था. गांधी मैदान ब्लास्ट का मास्टरमाइंड हैदर अली और मोजिबुल्लाह था. बताया जाता है कि बम धमाके के बाद वो डर गया था इसलिए मौके से भागने की कोशिश की लेकिन तब तक पुलिस मौके पर पहुंच गई और उसे दबोच लिया गया था.

इस बीच पूछताछ के दौरान उसने जुर्म कर लिया. उसने पूछताछ में बताया था कि वो अपनी पूरी टीम के साथ गांधी मैदान में हुंकार रैली को दहलाने के लिए पहुंचा था. गिरफ्तार आतंकी इम्तियाज से जब एनआइए की टीम ने सख्ती से पूछताछ शुरू की तो उसने कई नाम उगले. जिसके बाद मास्टर माइंड मोनू उर्फ तहसीन समेत दो दर्जन से अधिक आतंकियों को जांच एजेंसी ने जब दबोच तब बोधगया ब्लास्ट मामले का खुलासा भी इसी आतंकी के बयान से हुआ था ।

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