राष्ट्रीय

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पटाखों पर रोक का हाई कोर्ट का फैसला रद्द किया

[ad_1]

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कोविड-19 महामारी (COVID-19 pandemic) के बीच वायु प्रदूषण (air pollution) पर लगाम लगाने के लिए काली पूजा, दिवाली और इस साल कुछ और त्योहारों के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta high court) का आदेश सोमवार को रद्द कर दिया है. न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की विशेष पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) को यह सुनिश्चित करने की संभावनाएं भी तलाशने के लिए कहा कि प्रतिबंधित पटाखों और उससे संबंधित सामान का राज्य में प्रवेश केंद्र पर ही आयात नहीं हो. पीठ दिवाली के अवकाश के दौरान इस मामले पर सुनवाई के लिए बैठी है.

सुप्रीम कोर्ट,  उच्च न्यायालय के 29 अक्टूबर के उस फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उसने राज्य में सभी तरह के पटाखों की बिक्री, इस्तेमाल और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया था. उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘राज्य यह सुनिश्चित करें कि इस साल काली पूजा, दिवाली के साथ-साथ छठ पूजा, जगद्धात्री पूजा, गुरू नानक जयंती और क्रिसमस और नववर्ष की पूर्व संध्या के दौरान किसी भी तरह के पटाखे नहीं जलाए जाए या उनका इस्तेमाल नहीं किया जाए.’ उसने कहा था कि इन अवसरों पर केवल मोम या तेल के दीयों का ही इस्‍तेमाल किया जाए.

ये भी पढ़ें :   क्या भारत में IAS की तर्ज पर होगी जजों की नियुक्ति, ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विस पर केंद्र का जोर क्यों?

ये भी पढ़ें :  Bihar: NIA कोर्ट ने 9 दोषियों को सुनाई सज़ा, नरेंद्र मोदी की रैली में सीरियल ब्लास्ट की रची थी साजिश

दिवाली, छठ पूजा और अन्य त्योहारों पर पटाखों की बिक्री और उनके उपयोग पर थी रोक

कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने कोविड-19 महामारी (covid-19 pandemic) के बीच वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए शुक्रवार को दिवाली, छठ पूजा और अन्य त्योहारों के अवसर पर पटाखों की बिक्री और उनके उपयोग पर रोक लगाने का आदेश दिया था. न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध रॉय की खंडपीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए कोई व्यक्ति पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए और पटाखे जब्त कर लिए जाएं. इस आदेश ने पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक हालिया अधिसूचना को निष्प्रभावी कर दिया था जिसमें दिवाली और काली पूजा पर सीमित समय के लिए ‘हरित’ पटाखे चलाने की अनुमति दी गयी थी. उच्च न्यायालय की पीठ ने आतिशबाजी पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका पर यह आदेश सुनाया था. अदालत ने 2020 में भी पटाखों पर पाबंदी लगाई थी.

पटाखे चलाने के संबंध में NGT ने बड़ा आदेश दिया 

दीपावली पर पटाखे चलाने के संबंध में NGT ने बड़ा आदेश दिया है. देश के जिन शहरों में वायु प्रदूषण ज्यादा है वहां पटाखे (Firecrackers) फोड़ने पर पूरी तरह बैन रहेगा. NGT ने अपने आदेश में कहा है कि जहां वायु प्रदूषण सामान्य याने “मॉडेरेट है वहां केवल 2 घंटे ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति रहेगी. NGT ने क्रिसमस और न्यू ईयर पर रात 12:00 से लेकर 12:30 तक ग्रीन पटाखे चलाने की छूट दी है. NGT ने इस मामले पर कल हुई सुनवाई में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. जबलपुर के दो याचिकाकर्ताओं ने NGT में याचिका दायर कर प्रदूषण और कोरोना का हवाला देते हुए पटाखों पर बैन लगाने की अपील की थी. NGT ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के पूर्व आदेश पर विचार होगा. नवंबर माह में खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स वाले देश के सभी शहरों पर यह बैन लागू रहेगा. जहां प्रदूषण मध्यम या मॉडरेट होगा वहां रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाए जा सकेंगे. लेकिन यह सिर्फ ग्रीन पटाखे ही होंगे. एनजीटी भोपाल ने सभी राज्यों को अपने आदेश में कहा है कि वह सभी जिले के कलेक्टर और एसपी को सर्कुलर जारी करें और इस आदेश का पालन करवाएं.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

One thought on “सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पटाखों पर रोक का हाई कोर्ट का फैसला रद्द किया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fapjunk