Dehradun Crime : दूसरी लाश से खुला दोहरा हत्याकांड, पति ने बेवफा पत्नी और प्रेमी को सिखाया सबक
[ad_1]
देहरादून. अवैध संबंधों के चलते एक पति ने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी को मौत के घाट उतार दिया. मामले का खुलासा तब हुआ जब एक शख्स की गुमशुदगी की रिपोर्ट पर पुलिस ने खोजबीन की. यानी पहले दूसरी लाश मिली और फिर पहले कत्ल के बारे में पता चला. यही नहीं, पत्नी और उसके प्रेमी को सबक सिखाने वाले शख्स ने इस हत्याकांड को अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर अंजाम दिया. दूसरी तरफ, एक अन्य मामले में देहरादून में आरटीओ कार्यालय के बाहर कम दामों में वाहनों का इंश्योरेंस कराने वाले चार दलालों को गिरफ्तार किया. ये आरोपी ऑनलाइन बीमा करवाकर सरकार के रेवन्यू को चूना लगा रहे थे.
सेलाकुई थाने में पुलिस ने अरमान नाम के शख्स की मिसिंग रिपोर्ट उसके मामा की तहरीर पर 3 दिसम्बर को दर्ज की थी. जांच पड़ताल पर जब पुलिस ने मुशीर अली से सख़्ती से पूछताछ की, तब उसने अपने जुर्म कबूल कर लिया. आरोपी मुशीर ने अरमान की हत्या ही नही, बल्कि उससे करीब 20 दिन पहले अपनी पत्नी की हत्या करने की बात भी कबूल की. पूरी घटना की जानकारी देते हुए एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि मुशीर ने अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर अपनी पत्नी को मारकर शव को हरिद्वार में झाड़ियों में फेंक दिया था. पत्नी की हत्या का किसी को पता न चले, इसलिए आरोपी ने पत्नी के प्रेमी अरमान की भी हत्या कर दी.
सेलाकुई थाना पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने दोहरे हत्याकांड की बात कबूल की.
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने अरमान के शव को नेपाली फार्म तिराहे रायवाला के पास फेंक दिया था, जिसको पुलिस ने बरामद कर लिया. अब कोर्ट की कार्यवाही के बाद आरोपी की पत्नी के शव को बरामद करने के लिए पुलिस कवायद करेगी.
निराले ढंग से हो रही थी राजस्व चोरी
देहरादून आरटीओ दफ्तर के बाहर टैक्स चोरी का खुलासा उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने करते हुए चार दलालों को गिरफ्तार किया. दरअसल STF को कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि देहरादून में चारपहिया और व्यवसायिक वाहन के इंश्योरेंस वास्तविक कीमत से बहुत कम रेट पर हो रहे थे. कमाल ये था कि आरटीओ की वेबसाइट या किसी पोर्टल पर चेक करने पर वह बीमा भी सही पाया जाता था. एसटीएफ ने छानबीन कर आरटीओ कार्यालय के बाहर से तीन दलालों प्रदीप गुप्ता, मंसूर हसन, महमूद नीरज को अरेस्ट किया.
कैसे किया जाता था फ्रॉड?
STF की पूछताछ में पता चला कि 2018 व इसके बाद कोविड के दौरान कंपनियों ने ऑनलाइन इन्श्योरेंस की सुविधा शुरू कर दी थी. ठगी करने वाले दलाल विभिन्न एजेंसियों के एजेन्ट बनकर रजिस्ट्रेशन नंबर के माध्यम से बीमा करते थे. बीमा कराने के दौरान चार पहिया वाहन का नम्बर वास्तविक दिया जाता था, लेकिन पेमेन्ट की कैलकुलेशन के समय दो पहिया वाहन के हिसाब से भुगतान किया जाता था. यानी 18 प्रतिशत जीएसटी जहां चार पहिया वाहन के हिसाब से 20,000 दी जानी थी, वहीं, दो पहियां वाहन की मात्र 500 रुपये ही जमा की जा रही थी.
एसटीएफ ने चार एजेंटों को गिरफ्तार कर राजस्व चोरी का पर्दाफाश किया.
दलाल इसका प्रिन्ट निकाल कर लैपटॉप में फोटोशॉप के माध्यम से एडिट करके चार पहिया वाहन व धनराशि को बढ़ाकर कस्टमर को देता था. वाहन स्वामी द्वारा आरटीओ में चेक कराने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन नम्बर और केवल इंश्योरेंस की वैलिडिटि तिथि शो होती है, जिससे ग्राहक को वह असली लगता है.
आपके शहर से (देहरादून)
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi. हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.
Tags: Crime News, Dehradun news, Double Murder, Uttarakhand news
[ad_2]
Source link