उत्तराखंड

जाने के बाद भी कुछ इस तरह से उत्तराखंड वासियों के बीच हमेशा बने रहेंगे जनरल बिपिन रावत

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देहरादून. कहते हैं इंसान के कर्म हमेशा याद रहते हैं. यही कारण है कि हमेशा अच्छे कर्म करने के लिए कहा जाता है ताकि जीवन समाप्त होने के बाद भी लोग अच्छे कामों के लिए याद करते रहें. जर्नल बिपिन रावत भी एक ऐसे ही शख्स थे जिन्हें उनके कार्यों के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा. देश के लिए सैनिक के तौर पर तो उन्होंने बहुत काम किए थे लेकिन सैनिक अलावा भी उनकी अलग शख्सियत थी.

पहाड़ी भूमि से जुड़े रावत को हरियाली से बड़ा प्रेम था. यही कारण है कि उन्होंने उत्तराखंड में कई बार पौधरोपण करवाया. उन्होंने अपनी निगरानी में करीब दस हजार से ज्यादा पौधे लगवाए. बिपिन रावत की पहल पर सेना की ओर से उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में पौधरोपण करवाया था. उनका मानना था कि हरियाली ​ही यहां की पहचान है और यह हमेशा बनी रहनी चाहिए. यह हर व्यक्ति का फर्ज है कि वह पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी उठाए.

कुछ सालों में आ जाएंगे फल
खास बात यह है कि बिपिन रावत के लगाए पौधे अब काफी बढ़ चुके हैं. यहां तक कि कुछ पौधे तो आने वाले सालों में फल भी देने लगेंगे. ऐसे में उत्तराखंडवासियों के लिए यह एक अलग ही अनुभव होगा जब वे लोग बिपिन रावत के लगाए पौधों में उगे फल का सेवन करेंगे. उत्तराखंड में उनकी पहल पर लगाए पौधे हमेशा ​जर्नल ​बिपिन रावत के खुशनुमा व्यक्तित्व की याद दिलाते रहेंगे या यूं कहें कि उनकी सांसे अब भी उत्तराखंड में पौधों के रूप में चल रही हैं.

गौरतलब है कि बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में करीब 12 बजकर 20 मिनट पर रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. इस दौरान उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी उनके साथ थीं. हादसे में पति पत्नी सहित 13 लोगों की मौत हो गई. दोपहर बाद से इस खबर से देश का हर नागरिक बेहद दुखी है.

आपके शहर से (देहरादून)

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