राष्ट्रीय

ओमिक्रॉन वैरियंट का नया वंश मिला, जांच में पकड़ना है मुश्किल, जानें पूरा मामला

[ad_1]

नई दिल्‍ली .  ओमिक्रॉन वैरियंट (Omicron variant) का नया वंश यानि लीनियेज ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड में कई सैंपलों में पाया गया है. दुनियाभर के वैज्ञानिक पहले से ही कोरोना के इस वैरियंट (Coronavirus Variant) के बारे में पता करने में लगे हुए हैं, जो इससे पहले वाले डेल्टा वैरियंट से ज्यादा संक्रामक है. रिपोर्ट बताती हैं कि क्वीन्सलैंड में मिला ओमिक्रॉन का यह नया वंश दक्षिण अफ्रीका से आए किसी यात्री में पाया गया है. इस वंश में मौलिक ओमिक्रॉन से करीब आधे जीन विविधता लिए हुए हैं.

वैज्ञानिकों का कहना है कि  अब तक कोरोना के म्यूटेंट के दो वंश के बारे में जानकारी है जिसमें से एक है BA. 1 और दूसरा है BA. 2. मौलिक ओमिक्रॉन बीए 1 के रूप मे जाना जाता है. दोनों ही वैरियंट्स में कुछ म्यूटेशन एक जैसे हैं, दोनों ही वंशों में म्यूटेशन की मौजूदूगी के आधार पर कुछ जानकारी प्राप्त हुई हैं, जिसके मुताबिक नया वंश यानी BA. 2 को सामान्य जांच में पकड़ना मुश्किल है. हालांकि वैज्ञानिकों ने आंशकाओं को दूर करते हुए बताया है कि अगर कोई व्यक्ति ओमिक्रॉन के इस वंश से संंक्रमित होता है तो जांच में पॉजिटिव नहीं निकलेगा. आरटी-पीसीआर जांच में दोनों ही वंश के लिए पॉजिटिव परिणाम मिलेगा. बस कौन सा वंश है इसे पकड़ पाना थोड़ा मुश्किल होगा.

ये भी पढ़ें :   क्‍या ओमिक्रॉन पर आयुर्वेद के उपाय होंगे कारगर, बढ़ेगी इम्‍यूनिटी, जानें क्‍या बोले विशेषज्ञ

ये भी पढ़ें :  ओमिक्रॉन के खिलाफ कितना असरदार है Pfizer का बूस्टर डोज? कंपनी ने किया खुलासा

वहीं नई दिल्‍ली स्थित इंस्‍टीट्यूट ऑफ जोनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायलॉजी में वरिष्ठ वैज्ञानिक विनोद सकारिया का कहना है कि इस नए वंश को लेकर घबराने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं है. यह महामारी विज्ञान निगरानी के लिए बेहतर ही है. वैज्ञानिकों से साफ किया है कि यह नया वैरियंट नहीं है बल्कि नया वंश है यानि यह उसी वैरियंट का उपवर्ग है. नए वंश संक्रमण के फैलने पर असर हो भी सकता है और नहीं भी. डेल्टा में भी कई वंश मिले थे, जिसमें डेल्टा प्लस भी शामिल है, जिसकी डेल्टा से ज्यादा संक्रामकता नहीं थी.

ओमिक्रॉन, जो सार्स कोवि-2 का नया वैरियंट है, जैसा कि इस वैरियंट के बारे में बताया जा रहा है कि यह डेल्टा से ज्यादा संक्रामक है. इसने दुनिया के सामने फिर से एक चिंता खड़ी कर दी है. हालांकि यह वैरियंट संक्रामक तो है लेकिन ज्यादा घातक नहीं लग रहा है. जिसे लेकर वैज्ञानिक धीरे धीरे इस नतीजे पर पहुंच रहे हैं कि यह बीमारी अब महामारी से स्थानिक यानी पैंडेमिक से एंडेमिक के स्तर पर जा रही है, जिसका मतलब है कि संक्रमण हर साल आएगा. ओमिक्रॉन के मामले में सांस लेने में दिक्कत, स्वाद का चले जाना जैसा कोई भी मामला दुनिया भर में नहीं देखने को मिला है. वहीं ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज को थकान, गले में दर्द जैसे हल्के लक्षण है. जो ज्यादातर घरोंं में ही ठीक हो रहे हैं.

Tags: Coronavirus Variant, Omicron variant



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *