Farm Laws Repeal : 700 किसानों की मौत कारण सरकार के रवैये को बताया, AAP ने केंद्र से की बड़ी मांग
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देहरादून. आम आदमी पार्टी के सीएम प्रत्याशी रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत के किसानों का आंदोलन दुनिया भर के लिए एक सफल और अहिंसक आंदोलन की मिसाल रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संदेश में तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कोठियाल ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस आंदोलन के दौरान जो 700 से ज़्यादा किसान मारे गए, सरकार उन्हें शहीद का दर्जा देकर उनके परिवारों को 1 करोड़ रुपये की सहायता दे. साथ ही, इन शहीदों के परिजनों को सरकारी नौकरी भी दी जाए. इसके अलावा कोठियाल ने अपने बयान में और भी बिंदु उठाए.
‘दुनिया में ऐसा शायद ही कभी हुआ हो’
कोठियाल ने बयान में कहा, ‘आज का दिन भारत के इतिहास में 15 अगस्त और 26 जनवरी की तरह लिखा जाएगा. आज लोकतंत्र की जीत हुई. किसानों ने सभी सरकारों को बता दिया कि जनतंत्र में सिर्फ और सिर्फ जनता ही मालिक होती है. भारत का ये किसान आंदोलन पूरी दुनिया के लिए एक सफल अहिंसक आंदोलन का सबूत है. पूरी दुनिया में इतना बड़ा और लंबा आंदोलन शायद ही कभी हुआ हो. लेकिन दुख है कि इस आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों की जान गई, अगर केंद्र सरकार पहले ही ये कानून वापस ले लेती तो उनकी जान बचाई जा सकती थी.’
कृषि कानून वापसी को किसानों की जीत बताकर आप कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटी.
कोठियाल ने कहा कि सर्द रातों में, तेज़ बारिश में, लाठी डंडों के बावजूद किसानोंं के अधिकार के लिए लड़े किसानों को सभी आप कार्यकर्ता नमन करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तानाशाही की वजह से जिन किसानों को अपने परिजनों को खोना पड़ा, सरकार को उन परिवारों से माफी भी मांगनी चाहिए. कोठियाल के मुताबिक इन मांगों को मानकर ही शहीद हुए किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है.
‘देश याद रखेगा बीजेपी के अपशब्द’
कोठियाल ने किसानों के समर्थन और भाजपा के बयानों पर खेद जताते हुए कहा, ‘देश याद रखेगा कि कृषि कानूनों के खिलाफ एक बरस के आंदोलन के दौरान भाजपाइयों ने किसानों को आतंकी, खालिस्तानी, आंदोलन परजीवी, दलाल जैसी कई संज्ञाएं दीं और कृषि कानूनों को सही साबित करने के लिए तमाम कुतर्क दिए. आज चुनावों में अपनी हार भांपकर तीनों काले कानून को वापस लेने की घोषणा की.’
गौरतलब है कि कृषि कानून वापस लिये जाने के ऐलान के बाद से ही मिली जुली प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है. एक तरफ किसानों में खुशी की लहर भी देखी गई तो दूसरी तरफ किसानों ने अविश्वास भी जताया. अब भी आंदोलनकारी किसानों का बड़ा वर्ग इस बात पर अड़ा हुआ है कि जब तक लिखित में कानून वापसी का आदेश नहीं मिलेगा, आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा.
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Tags: Aam aadmi party, Ajay Kothiyal, Farm laws, Uttarakhand Assembly Election 2022, Uttarakhand news
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