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ग्रेटर नोएडा में जल्द खुलने जा रहा है हेलमेट बैंक, जानिए कैसे मिलेगा हेलमेट

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नोएडा. आप अपना हेलमेट (Helmet) घर भूल आए हैं. या बाहर किसी पार्किंग (Parking) में आपका हेलमेट चोरी हो गया है. वाहन (Vehicle) चलाते वक्त आपके पास हेलमेट नहीं है तो आप हेलमेट बैंक से एक हेलमेट ले सकते हैं. इस हेलमेट बैंक में 4 साल के बच्चे से लेकर बड़ों तक को हेलमेट मिलेगा. गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में पहला हेलमेट बैंक जल्द खुलने जा रहा है. हेलमेट मैन (Helmet man) के नाम से मशहूर राघवेंद्र रोड एक्सीडेंट (Road Accident) में जान गंवाने वालों की सुरक्षा के लिए इसकी तैयारियों में लगे हुए हैं. जिले के ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) अफसरों का भी कहना है कि हेलमेट मैन की इस कोशिश में वो भी उनके साथ हैं. सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक साल के सभी दिन हेलमेट बैंक जनता के लिए खुला रहेगा. दूसरा हेलमेट बैंक नोएडा (Noida) में खोलने की तैयारी है.

परिचौक पर बनेगा पहला हेलमेट बैंक

हेलमेट मैन राघवेंद्र का कहना है कि तमाम कायदे-कानून होने के बाद भी आज बहुत सारे दोपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के या बिना आईएसआई मार्क वाला हेलमेट पहनकर घरों से ऑफिस या बाजार के लिए निकलते हैं. ऐसे में रोड एक्सीडेंट उनके लिए जानलेवा साबित हो जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए हेलमेट बैंक की स्थापना की जा रही है. बैंक में बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए हेलमेट मिलेगा.

आईडी दिखाने पर 7 दिन के लिए हेलमेट दिया जाएगा. हेलमेट पूरी तरह से फ्री दिया जाएगा. साथ ही बाइक पर पीछे बैठने वालों को भी हेलमेट दिया जाएगा. राघवेंद्र ने इसके लिए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से 200 वर्ग फुट जमीन देने की मांग की है. वहीं ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि हेलमेट मैन के मांग पत्र को संबंधित विभागों को भेज दिया जाएगा.

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मूलतः बिहार के कैमूर के रहने वाले राघवेंद्र के दोस्त एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे, जिसके 12 दिन बाद उसकी मौत हो गई थी. मौत के बाद जब राघवेंद्र दोस्त के घर पहुंचे तो घर की हालत देख इतने दुखी हुए कि सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए मुहिम छेड़ दी. राघवेंद्र बताते हैं कि मेरे दोस्त का इलाज अस्पताल में चल रहा था.

उस वक्त मैं कई बार हॉस्पिटल का चक्कर लगाता था लेकिन हॉस्पिटल के स्टाफ हमे बार बार वहां आने से मना करते थे. 12 दिन इलाज चला जिसके बाद मेरे दोस्त की मौत हो गई. इसके बाद मैने ठान लिया कि जो भी व्यक्ति बिना हेलमेट के गाड़ी चलाएगा उसे फ्री में हेलमेट देंगे और उसको बताएंगे की हेलमेट पहनना कितना जरूरी है. शुरुआती दौर में लोग कई बार हेलमेट लेकर चले जाते थे, लेकिन वो मेरी मंशा को नहीं समझते थे.

नो हेलमेट नो पेट्रोल शुरू करवाया 

राघवेंद्र बताते हैं कि गौतमबुद्ध नगर जिले में दो साल पहले नो हेलमेट नो पेट्रोल की शुरुआत जिला प्रशासन से मिलकर हमने शुरू किया था. लेकिन मुझे क्रेडिट नहीं दिया गया. कहीं पर भी हेलमेट बांटने जाओ तो पहले आदेश लेना पड़ता है. इस चक्कर में बहुत सारी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं.

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