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PM के सबसे भरोसेमंदर सैन्य अफसर थे बिपिन रावत, जनरल से रिटायर होते ही बने थे CDS

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नई दिल्ली. देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन सिंह रावत (CDS Bipin Singh Rawat) बुधवार को तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में नहीं रहे. रावत को प्रधानमंत्री मोदी के सबसे भरोसेमंद सैन्य अफसरों में गिना जाता था. बिपिन रावत को सीनियर को सुपरसीड कर सेना प्रमुख बनाया गया था और जिस दिन वो सेना प्रमुख से रिटायर हुए थे उसके अगले दिन सीडीएस बना दिए गए थे.

जब रावत को सीडीएस बनाया गया तब सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि देश के सामने मौजूद चुनौतियों के मद्देनजर सबसे उपयुक्त उम्मीदवार होने के कारण सरकार ने उन्हें चुना. उनके पास अशांत इलाकों और सेना के विभिन्न पदों पर रहने का 30 साल से ज्यादा लंबा अनुभव मौजूद था. हालांकि विपक्ष की तरफ से आरोप लगाए गए थे कि रावत की नियुक्ति ‘वैचारिक’ आधार पर की गई है.

सेना में एक पद से दूसरे पद पर तरक्की करते गए
रावत के सीडीएस बनने के बाद देश में कई सुरक्षा सुधारों पर भी तेजी के साथ काम शुरू हुआ. वो अपने पद की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे थे. शिमला के सैंट एडवर्ड स्कूल के छात्र रहे बिपिन सिंह रावत 1978 में 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन हुए थे. वह अपने लंबे करियर में कई तरह के सैन्य अभियानों और कार्रवाई में शामिल होने वाले अफसरों में शामिल रहे. संयुक्त राष्ट्र संघ के कई मिशन में भी वो शामिल रहे. हर बार उनकी बहादुरी, समझदारी और सैन्य रणनीति का लोहा सबने माना. यही वजह थी कि वो सेना में एक पद से दूसरे पद पर तरक्की करते गए.

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नॉर्थ ईस्ट में उग्रवाद के खिलाफ बड़ा रोल
पूर्वोत्तर में उग्रवाद को खत्म करने में रावत ने अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने साल 2015 में म्यांमार में क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन का अभियान चलाया था, जिसमें भारतीय सेना ने NSCN-K के उग्रवादियों को सफलतापूर्वक जवाब दिया था. यह मिशन रावत की अगुआई में दीमापुर स्थित III कॉर्प्स के ऑपरेशन कमांड से चलाया गया था. वो साल 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक्स की योजना का हिस्सा रहे थे. सर्जिकल स्ट्राइक्स में भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कार्रवाई को अंजाम दिया था.

मिले कई मेडल
सैन्य सेवा के दौरान जनरल रावत को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल और सेना मेडल से नवाजा गया था.



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