राष्ट्रीय

क्‍या ओमिक्रॉन पर आयुर्वेद के उपाय होंगे कारगर, बढ़ेगी इम्‍यूनिटी, जानें क्‍या बोले विशेषज्ञ

[ad_1]

नई दिल्‍ली. विश्‍व के साथ ही देश में भी कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर हलचल पैदा हो गई है. भारत के कई राज्‍यों में सामने आए इस नए वेरिएंट के कई मामलों के बाद अब एक बार फिर लोग कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आशंकाएं जता रहे हैं. साथ ही सरकारों के अलावा स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ लोगों से लगातार कोविड अनुरूप व्‍यवहार अपनाए रखने की अपील कर रहे हैं. इतना ही नहीं ओमिक्रॉन की संक्रमण क्षमता को लेकर लगाए जा रहे अनुमान के बाद लोगों से पहले की तरह इम्‍यूनिटी बढ़ाने के तरीकों को अपनाने के लिए भी कहा जा रहा है. ऐसे में सवाल यह है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जनता की ओर से किए गए उपाय क्‍या इस नए वेरिएंट के खिलाफ कारगर हो सकते हैं.

दिल्‍ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. राजगोपाला एस कहते हैं कि दिल्‍ली ही नहीं पूरे देश में कोरोना के केस कम हुए हैं. यही वजह है कि एआईआईए की कोविड हेल्‍थ सेंटर में पिछले दो महीने से कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है. जबकि यहां कोविड मरीजों के लिए अलग से बेड तैयार किए गए हैं. अब कोरोना का नया वेरिएंट आने की बात कही जा रही है. यह काफी नया है. हालांकि अभी तक इसके राजधानी में भी बहुत ज्‍यादा मरीज नहीं मिले हैं. ऐसे में ये कहना कि इस वेरिएंट से तीसरी लहर आएगी या नहीं, अभी जल्‍दबाजी होगी.

डॉ. राजगोपाला कहते हैं कि इस वेरिएंट को लेकर अभी पूरी जानकारी आना बाकी है. दक्षिण अफ्रीका के अलावा यूरोपीय देशों से जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार यह काफी संक्रामक है. हालांकि अभी तक यह बात सामने नहीं आई है कि यह ज्‍यादा गंभीर तरीके से मरीजों को प्रभावित कर रहा है. ज्‍यादा संख्‍या में हल्‍के लक्षणों के मरीज होना और कम लेकिन गंभीर मरीज सामने आना दोनों अलग चीजें हैं. ऐसे में जैसा कि लग रहा है कि अगर मरीजों में लक्षण कमजोर और हल्‍के हैं तो अगर लोगों की इम्‍यूनिटी मजबूत होगी तो वह इसे झेल जाएंगे और इससे नुकसान नहीं होगा.

यही वजह है कि एक बार फिर लोगों को इम्‍यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेद और आयुष के बताए हुए तरीकों को अपनाना चाहिए और जो लोग ये उपाय कर रहे हैं वे इन्‍हें जारी रख सकते हैं. डॉ. कहते हैं कि जिस तरह कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर के दौरान लोगों ने कोविड अनुरूप व्‍यवहार के साथ गिलोय, आयुष काढ़ा, अश्‍वगंधा, मुलेठी, कालीमिर्च, अदरक,दालचीनी, हल्‍दी जैसी चीजों का इस्‍तेमाल खुद को भीतर से मजबूत करने के लिए किया था वे अभी भी करें तो बेहतर होगा.

वे कहते हैं कि आयुर्वेद किसी भी रोग का इलाज करने के बजाय शरीर को उससे लड़ने के लिए मजबूत और प्रभावी बनाने का काम करता है ताकि रोग का शरीर पर कोई प्रभाव ही न पड़े. यह शरीर को इतनी शक्ति दे देता है कि कोई भी वायरस या बैक्‍टीरिया इस पर असर डाले बिना निकल जाए. अब चूंकि ओमिक्रॉन भी डेल्‍टा की तरह ही एक वेरिएंट है और कोरोना वायरस में म्‍यूटेशन का असर है तो जो आयुर्वेदिक उपाय लोगों ने कोरोना की अन्‍य लहरों में किए थे, उन्‍हें ही वे अब भी कर सकते हैं. ऐसे में आयुष के उन्‍हीं सुझावों को लोग अपना सकते हैं. आयुष की ओर से लगातार इस पर अध्‍ययन किए जा रहे हैं. आने वाले समय में और उपाय और सुझाव सामने आ सकते हैं पर अभी तक कोविड के लिए बताए गए आयुष के सभी तरीकों को अपना सकते हैं.

Tags: Ayurvedic, Omicron, Omicron Alert, Omicron variant



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fapjunk