राष्ट्रीय

पीड़िता का स्कार्फ या हाथ खींचना पोक्सो एक्ट के तहत यौन हिंसा नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट

[ad_1]

कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने माना है कि महिला के स्कार्फ को घसीटना, पीड़िता का हाथ खींचना और उसे शादी के लिए प्रस्ताव देना पोक्सो अधिनियम (POCSO Act) के तहत ‘यौन हमला’ या ‘यौन उत्पीड़न’ की परिभाषा में नहीं आता है. न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की खंडपीठ ने रिकॉर्ड पर साक्ष्य के मूल्यांकन में ट्रायल कोर्ट की भूमिका पर भी जोर देते हुए कहा, “इसकी वास्तविक भावना में अधिक जोर नहीं दिया जा सकता है क्योंकि ट्रायल कोर्ट न्याय के प्रशासन की बुनियादी संरचना है. यदि मूल संरचना बिना किसी आधार के है, तो सुपर स्ट्रक्चर न केवल गिरेगा, बल्कि यह एक निर्दोष व्यक्ति को न्याय से वंचित करेगा.”

पीड़ित पक्ष का आरोप था कि जब पीड़ित लड़की अगस्त 2017 में स्कूल से लौट रही थी, तब आरोपी ने उसका ‘ओरना’ (दुपट्टा) खींच लिया और उसे शादी का प्रस्ताव दिया. इसके साथ ही उसने यह भी धमकी दी कि अगर पीड़ित लड़की ने उसके प्रस्ताव को मानने से इनकार किया तो वह उसके शरीर पर तेजाब फेंक देगा. इस मामले की सुनवाई जब ट्रायल कोर्ट में हुई तब ट्रायल कोर्ट ने सबूतों की सराहना करते हुए कहा कि पीड़ित लड़की का ‘ओरना’ घसीटने और उससे शादी करने के लिए जोर देने का आरोपी का तरीका यौनेच्छा से लड़की के शील को भंग करने की नीयत से किया गया था.

ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस के बाकी वेरिएंट से बिल्कुल अलग है Omicron, जीनोम सीक्वेंसिंग से ही हो सकती है पहचान: एक्सपर्ट

सबूत की समीक्षा कर हाईकोर्ट ने कही ये बात
ट्रायल जज, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, कंडी ने यह भी माना कि आरोपी ने उसका हाथ खींचकर उसका यौन उत्पीड़न और उत्पीड़न किया और उससे शादी करने के लिए अवांछित और स्पष्ट यौन प्रस्ताव दिए.

वहीं सबूतों की समीक्षा करते हुए, उच्च न्यायालय ने पाया कि पीड़िता की गवाही में विसंगतियां थीं. अदालत ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा कि एफआईआर में, शिकायतकर्ता के चाचा ने नहीं कहा कि आरोपी ने पीड़िता का हाथ खींचा, हालांकि, 10 दिनों के बाद सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए गए अपने बयान में, पीड़िता ने पहली बार बताया कि आरोपी ने उसको हाथों से खींचा था.

Tags: Calcutta high court, Pocso act, Sexual Assault



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *