श्रीनगर नगर निगम मुद्दा : BJP-कांग्रेस पौड़ी में आमने-सामने, ऐसे हो रहा है मंत्री धनसिंह रावत का विरोध
[ad_1]
पौड़ी. विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र जहां कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर हमलावर हैं, वहीं श्रीनगर गढ़वाल को नगर निगम बनाने को लेकर चल रही सियासत मुखर हो गई है. यहां लोग इस क्षेत्र को नगर निगम बनाए जाने के खिलाफ खुलकर दिख रहे हैं और नगर निगम के विरोध में चल रही सियासत निगम निर्माण की अधिसूचना जारी होने के बाद बयानों के रूप में सामने आ रही है. साथ ही, उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट के मंत्री और श्रीनगर विधायक धनसिंह रावत के खिलाफ मोर्चाबंदी भी खुलकर नज़र आने लगी है. हालांकि रावत इस मामले में खुद को बचाते हुए यह तर्क दे रहे हैं कि कई बार लोगों को यह समझ नहीं होती कि विकास से क्या फायदा होगा.
श्रीनगर गढ़वाल को नगरपालिका से उच्चीकृत कर नगरनिगम बनाने की अधिसूचना जारी होने के साथ अब इस मुद्दे पर राजनीति गर्म हो गई है. कांग्रेस और कांग्रेसी पृष्ठभूमि की नगरपालिका अध्यक्ष पूनम तिवारी ने जहां इसके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है, वहीं निगम क्षेत्र में शामिल होने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों को भी साथ लाकर विरोध की धार तेज़ की जा रही है. इस मुद्दे पर कांग्रेस बनाम भाजपा की सियासत में लोगों की समस्याओं के तर्क दिए जा रहे हैं. तिवारी का दावा है कि गांवों के जनप्रतिनिधि निगम बनाए जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ खड़े हो गए हैं.
नगर निगम बनाने की पूर्व नियत शर्तों में ढील देकर गढ़वाल के पर्वतीय क्षेत्रों में बनाए जा रहे पहले नगर निगम के प्रस्तावित क्षेत्र में 21 नये ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ा गया है. इसके बाद इसकी आबादी 37,911 हो जाएगी. पूर्व में प्रस्तावित कीर्तिनगर ब्लाक के चौरास क्षेत्र को इसमें शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में, मौजूदा नगरपालिका अध्यक्ष पूनम तिवारी कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत पर मनमानी का आरोप लगाती हैं. वहीं, मंत्री धनसिंह रावत के इस पर अपने तर्क हैं.
श्रीनगर नगर निगम मुद्दे पर न्यूज़18 से बातचीत करते धनसिंह रावत.
क्या हैं विरोध के तर्क?
तिवारी का कहना है कि निगम बनाए जाने का आदेश आनन फानन में जारी किया गया है. निगम के ज़रूरी कामों के लिए सुविधाएं नहीं दी गई हैं. उन्होंने नये टैक्स लगने और सुविधाएं नहीं मिलने के साथ जन आपत्तियों को दर्ज करने के लिए समय कम दिए जाने का आरोप भी लगाया है. उनका कहना है कि बेरोज़गारी इतनी है कि इस तरह के फैसले के परिणाम आशानुरूप नहीं होंगे. वहीं, स्वीत के ग्राम प्रधान राजेन्द्र मोहन कहते हैं कि उनका गांव सड़क से तीन किमी की ऊंचाई पर है तो सीवरेज लाइन तो पहुंच ही नहीं सकती.
धनसिंह रावत क्या कहते हैं?
कम समय दिए जाने के आरोप को खारित करते हुए मंत्री रावत ने कहा, ‘मैं बहुत लोकतांत्रिक ढंग से काम करता हूं. कई बार लोग समझ नहीं पाते हैं कि इस तरह के विकास से क्या लाभ होगा. रही कम समय की बात, तो लगभग दो साल से यह मामला चल रहा था, लेकिन जब हमने नगरपालिका का विस्तार किया तो पहले लोग हिचकिचा रहे थे लेकिन अब लोग समझ रहे हैं कि विकास ऐसे ही हो सकता है.’
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
[ad_2]
Source link