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12वीं के मूल्यांकन मानदंडों के खिलाफ छात्र पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, CBSE ने दी यह दलील

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CBSE ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 12वीं क्लास के लिए मूल्यांकन नीति की कोर्ट अब  समीक्षा न करें, क्योंकि अब मूल्यांकन नीति बदलने से सभी छात्रों के परिणामों में संशोधन करना पड़ेगा.

CBSE ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 12वीं क्लास के लिए मूल्यांकन नीति की कोर्ट अब समीक्षा न करें, क्योंकि अब मूल्यांकन नीति बदलने से सभी छात्रों के परिणामों में संशोधन करना पड़ेगा.

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में CBSE परिणाम मामले में वकील प्रदीप गुप्ता ने कहा कि हमारे मामले में CBSE ने हलफनामा दाखिल किया है कि स्कूल ने पूरा डाटा नहीं भेजा है.

नई दिल्ली. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के 12वीं क्लास के मूल्यांकन मानदंड (evaluation criteria) के खिलाफ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की है. वहीं, CBSE ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 12वीं क्लास के लिए मूल्यांकन नीति (evaluation policy) की समीक्षा न करें कोर्ट क्योंकि अब मूल्यांकन नीति बदलने से सभी छात्रों के परिणामों में संशोधन करना होगा. इतना ही नहीं विश्वविद्यालयों ने 12वीं क्लास के परिणामों के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है. CBSE ने यह भी तक कि याचिकाकर्ताओं ने मूल्यांकन नीति को गलत तरीके से पढ़ा है.

गौरतलब है कि सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट एक हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता सीबीएसई के हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल करेंगे. सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई परिणाम मामले में वकील प्रदीप गुप्ता ने कहा कि हमारे मामले में सीबीएसई ने हलफनामा दाखिल किया है कि स्कूल ने पूरा डाटा नहीं भेजा है. तालमेल बिठाने के लिए और समय चाहिए सीबीएसई ने 30-40-30 का फार्मूला दिया गया था. याचिकाकर्ता उम्मीदवार को 86 प्रतिशत अंक प्राप्त करने थे, लेकिन उन्होंने स्कूल के मानक के संबंध में 54% अंक दिए हैं यह अनुचित है.

बता दें क‍ि सुप्रीम कोर्ट ने 8 अक्टूबर को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से दो याचिकाओं पर जवाब-तलब किया था. इनमें 12वींं क्लास के छात्रों ने अपने स्कूलों में 30:30:40 फार्मूला न अपनाने की शिकायत की थी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि स्कूल की इस विफलता की शिकायत करने पर सीबीएसई ने भी कोई एक्शन नहीं लिया. बोर्ड के वकील रूपेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए 20 अक्टूबर तक का समय मांगा था.

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