राष्ट्रीय

भाजपा के माडल रोड का सपना हो गया चकनाचूर

[ad_1]

देहरादून। चार साल पहले प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद तत्कालीन शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने देहरादून में माडल रोड का जो सपना जनता को दिखाया था, वह अभी तक अधूरा है। घंटाघर से आइएसबीटी तक करीब साढ़े छह किलोमीटर लंबी सड़क को माडल रोड बनाने का दावा किया था। दावा था कि यह सड़क सूबे की सड़कों के लिए नजीर बनेगी, लेकिन जिला प्रशासन की लचर कार्यशैली, राजनीतिक, व्यापारिक हस्‍तक्ष्‍ोप  और अनैतिक दबाब इसके आड़े आ गया और भाजपा सरकार का सपना चकनाचूर हो गया।

माडल रोड तो यह कभी बनी ही नहीं, लेकिन जो कोशिश की गई, वह भी कामयाब नहीं हुई। हालात ऐसे हैं कि यह सड़क न तो अतिक्रमणमुक्त हो पाई, न नाली व फुटपाथ बनाने का काम पूरा हुआ। आढ़त बाजार के बाटलनेक और अतिक्रमण पर सरकारी मशीनरी ने नजर भी नहीं दौड़ाई। बाकी जगह पर जो अतिक्रमण चार साल पूर्व हटाया गया था, वहां दोबारा कब्जे हो चुके हैं। इन दिनों रही-सही कसर गांधी रोड पर चल रहे स्मार्ट सिटी के कार्यों ने पूरी की हुई है, जिससे पूरा दिन यातायात का पहिया जाम में फंसा रहता है। साढ़े छह किमी की यह दूरी तय करने में पौन घंटे से एक घंटे तक का वक्त लगता है।

जेसीबी गरजी, काम अब भी अधूरा

पूर्व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने घंटाघर-आइएसबीटी रोड को अतिक्रमण से मुक्त कर माडल रोड बनाने का बीड़ा उठाया था। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था व कौशिक ने खुद पैदल और ई-रिक्शा में सवार होकर सड़क के वास्तविक हालात देखे थे। उनके आदेश के बाद जून-2017 में इस मार्ग पर जेसीबी गरजी। दर्शनलाल चौक, इनामुल्ला बिल्डिंग, माजरा, निरंजनपुर आदि इलाके में बड़े अतिक्रमण ध्वस्त भी किए गए, लेकिन बाकी जगह सरकारी मशीनरी के कदम रुक गए। बहरहाल जहां अतिक्रमण ध्वस्त किया गया था वहां नाली, फुटपाथ और रेलिंग के कार्य शुरू किए गए। एक साल में यह काम पूरा होना था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी व विभाग की मनमानी से यह काम चार साल बाद भी अधूरा है।

आइएसबीटी से घंटाघर तक माडल रोड की नाली और फुटपाथ पर जहां भी काम हुआ है, वहां अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। साढ़े छह किमी क्षेत्र में छोटे बड़े 300 अतिक्रमण हो गए हैं। माडल रोड के फुटपाथ और नाली से बाहर सड़क तक लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है। सबसे खराब स्थिति शिमला बाईपास से लालपुल, पटेलनगर से सहारनपुर चौक, गांधी रोड से घंटाघर तक है। यहां सड़क पर दोनों तरफ नालियों पर पूरी तरह से व्यापारियों ने कब्जा किया हुआ है।

गांधी रोड पर कब्जों की भरमार

प्रिंस चौक से दर्शनलाल चौक के बीच गांधी रोड पर दिन और रात कब्जा हो रखा है। यहां कई दुकानें सड़क तक सजी रहती हैं। इससे दिनभर यहां जाम लगा रहता है। हद यह है कि रात 12 बजे तक होटल व दुकानें फुटपाथ तक सजी रहती हैं। पुलिस कप्तान एवं डीएम दफ्तर से महज कुछ दूरी पर ही यह हाल होने के बावजूद अधिकारी कार्रवाई को तैयार नहीं है। सर्वाधिक खराब हालात फायर स्टेशन के सामने मीट रेस्तरां के बाहर हैं। यह मार्ग संकरा होने के कारण आधी सड़क पर रेस्तरां के ग्राहकों के वाहन खड़े रहते हैं जबकि वहां से गुजर रहे बाकी वाहन चालक जाम में फंसे रहते हैं।

स्मार्ट सिटी के काम से जाम

गांधी रोड पर द्रोण होटल के सामने और इनामुल्ला बिल्डिंग की एक तरफ की सड़क पर स्मार्ट सिटी के तहत कार्य चल रहा। गत पांच माह से स्मार्ट सिटी कंपनी ने द्रोण कट से तहसील चौक जाने वाली पूरी सड़क बंद की हुई है और यातायात एक ही तरफ चल रहा। इसी तरह द्रोण होटल के सामने स्मार्ट सिटी कंपनी ने पांच माह से गड्ढ़ा खोदकर छोड़ा हुआ व बड़े पाइप सड़क पर रखे हुए हैं, जिससे पूरा दिन वाहन रेंग-रेंगकर चलते हैं। मॉडल रोड पर अवरोधक बने बिजली के ट्रांसफार्मर, बिजली के पोल, पेड़, हैंडपंप हटाने के निर्देश दिए शहरी विकास मंत्री ने दिए थे। मगर, साढ़े छह किमी क्षेत्र में 30 से ज्यादा बिजली के पोल, छह ट्रांसफार्मर व तीन हैंडपंप फुटपाथ के बीचोंबीच खड़े हैं। नाली व फुटपाथ निर्माण के समय इन्हें शिफ्ट तक नहीं किया गया। प्रशासन माडल रोड की कसरत पर आठ करोड़ रुपये खर्च करने का दावा कर रहा है लेकिन मौजूदा हालात में यह बजट पानी में बहाने जैसा लग रहा। आइएसबीटी से मंडी तक 30 से ज्यादा स्थान पर क्षतिग्रस्त नाली दुर्घटना को न्योता दे रही व यहां रेलिंग एक इंच भी भी नहीं लगी है। टाइल्स और स्लैब डालने का काम भी अधूरा है। लालपुल से प्रिंस चौक तक नाली और फुटपाथ बनने से पहले ही टूट गए। यहां नाली 22 स्थानों पर खुली पड़ी है। प्रिंस चौक से गांधी रोड और घंटाघर तक फुटपाथ तो बने, लेकिन रेलिंग का काम पूरा नहीं हुआ। वर्तमान में सड़क पर फुटपाथ न चलने के काम आ रहे और न ही जल निकासी हो पा रही है।.



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fapjunk