TMC में शामिल हो सकते हैं कई और नेता, 2024 के चुनाव में ममता करेंगी गैर-बीजेपी गठबंधन का नेतृत्व?
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नई दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस (TMC) साल 2024 (Loksabha election 2024) के चुनावों को ध्यान में रखते हुए अपने विस्तार में लगी हुई है. माना जा रहा है कि विस्तार के क्रम में ही TMC पार्टी की नेता और पश्चिम बंगाल (West Begnal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ संभावित गठबंधन के नेता के तौर पर भी प्रचारित करने की कोशिश में लगी हुई है. TMC में सुष्मिता देव और लुइज़िन्हो फलेरियो शामिल हो चुके हैं. यह दोनों कांग्रेस नेता थे. इसके साथ ही माना जा रहा है कि TMC कांग्रेस नेता और मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा के साथ भी बातचीत कर रही है. कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने भी बनर्जी से संपर्क किया है. उनके बारे में कहा जा रहा है कि वह राज्यसभा ना भेजे जाने से नाराज हैं.
इन सबके बीच टीएमसी का एक अलग रुख सामने आया है. टीएमसी के नेता सार्वजनिक तौर पर यह कहते नजर आ रहे हैं कि गैर बीजेपी गठबंधन की अगुवा के तौर पर सिर्फ ममता बनर्जी ही एक पसंद हैं. साथ ही वे कांग्रेस के खिलाफ कड़ी बयानबाजी भी कर रहे हैं.
केवल ममता ने किया बीजेपी का सामना- सुदीप
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार तृणमूल के लोकसभा नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘अगर आप विपक्षी दलों के ट्रैक रिकॉर्ड को देखें, तो केवल ममता बनर्जी ही साल 2024 में गैर-भाजपा गठबंधन का नेतृत्व कर सकती हैं. कांग्रेस पार्टी को वास्तविकता देखनी चाहिए. वे हाल के चुनावों में भाजपा को चुनौती नहीं दे पाए. इसके अलावा, ममता बनर्जी एकमात्र ऐसी नेता हैं जो कई विपक्षी दलों को स्वीकार्य हैं.’
बीते 28 सितंबर को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और सीएम के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘हमारी लड़ाई भाजपा के खिलाफ है. हमने पिछले सात सालों में बीजेपी को हराया है. कांग्रेस पिछले सात साल से बीजेपी से हारी है. अगर कांग्रेस काम नहीं करती, सड़कों पर नहीं उतरती और अपने घरों में आराम से रहेगी तो हमसे बैठने की उम्मीद ना करें. हम बीजेपी को हराना चाहते हैं.’
लेकिन हमारा निशाना कांग्रेस नहीं…- सौगत राय
टीएमसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सौगत राय ने कांग्रेस नेताओं को शामिल करने के पार्टी के फैसले का बचाव किया और कहा, ‘विस्तार करना हमारा वैध अधिकार है. लेकिन हमारा निशाना कांग्रेस नहीं है.’ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं ने निजी तौर पर स्वीकार किया कि उनकी पार्टी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में किसी भी भाजपा विरोधी गठबंधन को लेकर असहज है. पिछले संसद सत्र में, टीएमसी और कांग्रेस ने सभी मुद्दों पर एक साथ काम किया लेकिन पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी ने राहुल गांधी से दूरी बनाए रखी. राहुल द्वारा आयोजित ब्रेक फास्ट मीटिंग में भी शीर्ष तृणमूल नेता शामिल नहीं हुए. जब भी विपक्ष की किसी बैठक में राहुल मौजूद रहे हैं तो TMC के नेता वहां नही गए.
यह सब ऐसे वक्त हो रहा है जब गांधी परिवार को जी 23 यानी कांग्रेस संगठन के लोगों से नेतृत्व पर सवालों का सामना करना पड़ रहा है. यह सभी पार्टी की निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं. उधर एक कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा- कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस के बिना कोई भी विपक्षी गठबंधन नहीं बन सकता. उन्होंने कहा- ‘यह सिर्फ संख्या बल पर आधारित नहीं है. लीडरशिप से जुड़े मुद्दों पर उचित समय पर ही बात की जा सकती है.’
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