उत्तराखंड

पंडा-पुरोहितों के दबाव में झुकी उत्तराखंड सरकार: देवस्थानम बोर्ड एक्ट वापस, जानें क्यों लिया ये फैसला

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देहरादून. पुष्कर सिंह धामी सरकार (Pushkar Singh Dhami Government) ने विवादास्पद देवस्थानम बोर्ड एक्ट (Controversial Devasthanam Board Act) को वापस लेने की घोषणा की है. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि सरकार पब्लिक सेंटीमेंट यानि लोगों की भावनाओं की कद्र करती है. पंडा पुरोहित इसको लेकर लंबे समय से विरोध कर रहे थे. इसी के चलते सरकार को दबाव में आना पड़ा. बीजेपी विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह से कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.

दरअसल, इसके पीछे के राजनीतिक मायने समझना भी जरूरी है. बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री ऐसे तीर्थ स्थान हैं, जिनकी मान्यता दुनिया भर के हिंदुओं के बीच बहुत गहरी है. देवस्थानम बोर्ड एक्ट में 51 मंदिरों को मैनेज करने की बात है, जिसमें ये चारों धाम भी शामिल हैं. चारों धाम और इन से जुड़े सैकड़ों तीर्थ पुरोहित गढ़वाल की राजनीति में दखल रखते हैं. इनमें से कई सत्ताधारी बीजेपी के साथ जुड़े हैं.

अब जब विधानसभा चुनाव में बमुश्किल 3 महीने का समय बचा है तो ऐसे में बीजेपी चुनावों में देवस्थानम बोर्ड को लेकर खतरे को मोल नहीं लेना चाहती थी. गढ़वाल मंडल में कम से कम 11 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पंडा-पुरोहितों का प्रभाव है. इन सीटों पर एक नजर डाल लेते हैं.

यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ, कर्णप्रयाग, केदारनाथ, रूद्रप्रयाग, देवप्रयाग, नरेंद्र नगर, टिहरी, ऋषिकेश और हरिद्वार ऐसी सीटें हैं जहां सीधे या परोक्ष तौर पर पंडा पुरोहित समाज का दखल है. अब जब सरकार ने घोषणा कर दी है कि वह देवस्थानम बोर्ड एक्ट को वापस लेने जा रही है तो ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जिस विरोध का सामना बीजेपी पिछले 2 सालों में लगातार कर रही थी, वह कम से कम अब थम जाएगा. यहां से आगे बीजेपी किस तरह चुनाव को अपने पक्ष में मोड़ पाती है ये देखना दिलचस्प होगा.

आपके शहर से (देहरादून)

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Tags: CM Pushkar Singh Dhami, Dehradun news, Devsthanam board act cancel, Uttarakhand Assembly Election 2022, Uttarakhand news



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