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पंजाब विधानसभा में BSF के अधिकार क्षेत्र पर प्रस्ताव पास, खाद की कमी को लेकर हंगामा

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चंडीगढ़. पंजाब विधानसभा (Punjab Legislative Assembly) के दो दिवसीय सत्र के दूसरे दिन डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा (Deputy CM Sukhjinder Singh Randhawa) ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र (BSF’s jurisdiction) को 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी करने वाली केंद्रीय अधिसूचना को खारिज करने का आधिकारिक प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव लाए जाने से ठीक पहले भाजपा के दो विधायक अरुण नारंग और दिनेश बब्बू सदन से चले गए. सदन ने राज्य सरकार से केंद्र के साथ मामला उठाने और अधिसूचना वापस लेने का आग्रह किया. रंधावा ने कहा कि अधिसूचना वापस नही ली गई तो वे अधिसूचना को लेकर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. इस प्रस्ताव को सदन में सर्वसम्मति से पारित कर दिया.

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम मजीठिया (SAD leader Bikram Majithia) ने बीएसएफ की तैनाती पर कांग्रेस सरकार के “दोहरे मानकों” को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक तरफ गृह मंत्री बीएसएफ को जेलों में तैनात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सीमा पर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि का विरोध कर रहे हैं. बीएसएफ बनाम पंजाब पुलिस पर बहस पर राजा वडिंग ने कहा कि सुखबीर बादल और हरसिमरत बादल को खुद पंजाब पुलिस पर भरोसा नहीं है क्योंकि उनकी सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल हैं. विधायक परमिंदर ढींढसा ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बारे में स्पष्टीकरण मांगा. उन्होंने कहा कि सीएम चन्नी के शाह से मिलने के बाद बीएसएफ के दायरे बढ़ाने का नोटिफिकेशन जारी किया गया था.

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शिरोमणि अकाली दल और आप ने उठाया यह मुद्दा
शिरोमणि अकाली दल और आप दोनों के विधायकों ने कहा कि खाद की कमी और अन्य किसान मुद्दों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस की जरूरत है. विस अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने कहा कि यह कृषि कानूनों और बीएसएफ पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया एक विशेष सत्र है और अन्य मुद्दों पर चर्चा नहीं की जा सकती है. उन्होंने विपक्ष से एजेंडे पर टिके रहने को कहा. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सदन को आश्वासन दिया कि संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के लिए विधेयक के अलावा बिजली के पीपीए समाप्त करने का विधेयक भी लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो सदन देर रात तक चलता रहेगा.

आप विधायक किसानों को पर्याप्त डीएपी खाद का कोटा सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के वेल में पहुंच गए थे. अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं करने दिए जाने के विरोध में अकाली विधायकों ने सदन से वाक आउट किया. डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि शुक्रवार तक सभी सहकारी समितियों के पास डीएपी खाद का पर्याप्त स्टॉक होगा. हालांकि इस मुद्दे पर आप विधायक सदन से बाहर चले गए.

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