Uttarakhand Chunav : कांग्रेस-BJP में ‘एनडी तिवारी’ को छीनने की होड़, आखिर क्या है सियासत?
[ad_1]
हल्द्वानी. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को इस दुनिया से विदा हुए तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर उनका नाम सुर्खियों में है. खास बात ये है कि अपने हों या पराये, दोनों को ही तिवारी याद आने लगे हैं. कभी एक साथ, एक ही पार्टी में एनडी तिवारी के राजनीतिक धुर विरोधी रहे पूर्व सीएम हरीश रावत अब तिवारी के मुरीद नज़र आ रहे हैं. हरदा कभी तिवारी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहे हैं तो तो कभी उनके गांव जाकर लोगों को सम्मानित कर रहे हैं और पहले उनके साथ रहे मनमुटाव पर अपने चिर परिचित अंदाज़ में शिकवे शिकायतें भूल जाने की बात कह रहे हैं.
‘बीजेपी को दस्त लग गए हैं’
हरीश रावत ने बीजेपी पर एनडी तिवारी के नाम से राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी केसी पंत को भी कांग्रेस से अपनी पार्टी में लेकर गई थी, लेकिन केसी पंत की मौत कैसे हुई ये तक लोगों को नहीं पता. अब बीजेपी चुनाव हारने की कगार पर है, तो उसे दस्त लग गए हैं, वो एनडी तिवारी के नाम की गोली खाकर ठीक करने के मूड में है.’ हालांकि तिवारी के साथ हरीश रावत की राजनीतिक अदावतें किसी से छुपी नहीं रहीं, लेकिन अब रावत को तिवारी की याद ही नहीं, बल्कि सम्मान की चिंता भी हो रही है.
बीते रिश्तों को लेकर इन दिनों सवाल आते ही रावत अपने मंझे हुए अंदाज़ में कहते हैं कि हिंदू माइथोलॉजी मानती है कि किसी भी व्यक्ति के दुनिया से चले जाने के बाद उससे गिले-शिकवे खत्म हो जाते हैं. रावत ने कहा, ‘तिवारी की पहचान कांग्रेस के कारण बनी इसलिए उन्होंने जीवन भर कांग्रेस की राजनीति की.’ हालांकि रावत मानते हैं कि जीवन के अंतिम क्षणों में किसी कारण से तिवारी पार्टी से थोड़ा बाहर रहे, लेकिन इसके बावजूद तिवारी की विरासत पर कांग्रेस का ही अधिकार है.
एनडी तिवारी को श्रद्धांजलि देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत.
अब ‘उत्तराखंड गौरव’ पर राजनीति
रावत ने बीजेपी पर श्रेय की राजनीति के आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने 2016 में ‘उत्तराखंड रत्न’ पुरस्कार की शुरुआत की थी, जिसके तहत तिवारी को भी सम्मानित किया गया था, लेकिन बीजेपी सरकार ने इसे बंद कर दिया. अब बीजेपी एनडी तिवारी को मरणोपरांत वही सम्मान दे रही है! कुछ दिन पहले ही बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और कांग्रेस में लौटे यशपाल आर्य ने भी पुष्कर सिंह धामी सरकार पर बड़ा हमला बोला. आर्य ने बीजेपी पर एनडी तिवारी को लेकर कोरी राजनीति का आरोप लगाया. ये तो हुई कांग्रेस की बात पर बीजेपी का क्या रुख है?
क्या है बीजेपी का एनडी तिवारी प्रेम?
बीजेपी भी एनडी तिवारी को छोड़ने के मूड में नहीं है. धामी सरकार राज्य के 21 साल पूरे होने पर एनडी तिवारी को ‘उत्तराखंड गौरव’ सम्मान का ऐलान कर चुकी है और अब तिवारी के ननिहाल को जाने वाली भद्यूनी गांव की सड़क को भी उनके नाम पर रखने की घोषणा कर रही है. एनडी के नाम से राजनीति करने पर सवाल करते हुए कैबिनेट मंत्री बंशीधऱ भगत ने भाजपा के कदम को सही ठहराकर उल्टे कांग्रेस पर सवाल दागा कि वह किस मुंह से तिवारी के नाम पर सियासत कर सकती है!
आखिर क्यों एनडी के लिए सब हैं बेताब?
भगत ने कहा, ‘जिस व्यक्ति का जीवन राजनीति में कट गया, उसको लेकर कोई भी घोषणा राजनीति से जुड़ी ही होगी, लेकिन कांग्रेस इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी. कांग्रेस ने एनडी तिवारी को जीवन के अंतिम क्षणों में वो सम्मान नहीं दिया जिसके वो हकदार थे.’ हालांकि जानकार मानते हैं कि तराई-भाबर और पहाड़ के कुछ हिस्सों में तिवारी का अच्छा खासा प्रभाव था, जिसके कारण राजनीतिक पार्टियां तिवारी को खुद के करीब दिखाना चाहती हैं ताकि वोट बैंक का फायदा मिल सके.
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
[ad_2]
Source link