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1 साल में ही दरभंगा एयरपोर्ट ने बनाए नए कीर्तिमान, कमाई और यात्री संख्‍या में 62 हवाई अड्डों को छोड़ा पीछे

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दरभंगा. बिहार के दरभंगा एयरपोर्ट पर एक साल पहले उड़ान सेवा शुरू हुई थी. यह एयरपोर्ट उड़ान सेवा के सफर का एक साल पूरा कर चुका है. पिछले साल 8 नवंबर को यहां से उड़ान सेवा की शुरुआत हुई थी. इतने कम समय में इस एयरपोर्ट ने पूरी सुविधाएं बहाल न होने के बावजूद कई उपलब्धियां हासिल कर ली हैं. रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत देश में दरभंगा सहित 63 शहरों में एयरपोर्ट खोले गए थे. इन 63 एयरपोर्ट्स में यात्रियों के आने-जाने के मामले में दरभंगा हवाई अड्डा लगातार नंबर वन पर है.

बिहार में हवाई सेवा की अपार संभावनाएं हैं. केंद्र सरकार ने भी बिहार को एविएशन मैप पर लाने की योजना बनाई है. पटना और गया के अलावा अन्‍य छोटे शहरों में भी हवाई यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. तभी तो महज 1 साल में ही दरभंगा एयरपोर्ट ने यात्रियों के मामले में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है. दरभंगा एयरपोर्ट ने हवाई यात्रियों के मामले में देश के 63 नए एयरपोर्ट्स को पीछे छोड़ दिया है.

कमाई में भी नंबर वन
मोदी सरकार ने रीज़नल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत देश में 63 नए एयरपोर्ट खोले हैं. दरभंगा एयरपोर्ट से 8 नवंबर 2020 से उड़ान सेवा की शुरूआत हुई थी. सभी 63 नए एयरपोर्ट्स की तुलना में दरभंगा आने और जाने वाले यात्रियों की संख्या सबसे ज्यादा है. पिछले 11 महीने में इस एयरपोर्ट से तकरीबन 4.60 लाख यात्रियों ने टेक ऑफ और लैंड किया है. इस एयरपोर्ट से प्रतिदिन 2000 से 2200 यात्री आते-जाते हैं. इस एयरपोर्ट से नॉर्थ बिहार के 18 जिलों और नेपाल के यात्रियों को भी सुविधा हुई है.

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पीएम मोदी का गिफ्ट
दरभंगा को एयरपोर्ट का तोहफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था. हाल ही में इस एयरपोर्ट के विकास के लिए ज़मीन अधिग्रहण का रास्ता भी साफ हो गया है. योजना के तहत नीतीश कैबिनेट ने 336 करोड़ 76 लाख की राशि स्वीकृत की है. इससे 78 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. इससे पहले 31 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने का प्रस्ताव था, जिसे बढ़ाकर अब 78 एकड़ कर दिया गया है. विस्तार के बाद कुहासे में भी हवाई जहाज उतर सकेंगे. इसके बाद दरभंगा एयरपोर्ट से सालों भर हवाई जहाज का आना-जाना हो सकेगा. फिलहाल दरभंगा एयरपोर्ट से अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं. आने वाले समय में यहां नाइट लैंडिंग समेत तमाम वे सुविधाएं होंगी जो किसी भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर होती हैं. यह उत्तर बिहार खासकर मिथिला की विमानन सुविधा में मील का पत्थर साबित होगा.

केंद्र की दिलचस्पी
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर बिहार के 5 एयरपोर्ट्स को डेवलप करने के लिए सहयोग की मांग की थी. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नीतीश कुमार को लिखे पत्र में दरभंगा एयरपोर्ट का भी ज़िक्र किया था. दरभंगा एयरपोर्ट का संचालन फिलहाल एयरफोर्स की 22 एकड़ जमीन पर किया जा रहा है. इस जमीन को पांच वर्ष के लिए लीज पर लिया गया है. एयरपोर्ट अथॉरिटी और रक्षा मंत्रालय से इस एयरपोर्ट से एक दिन में 20 विमानों के लैंड और टेक ऑफ की अनुमति है, लेकिन फिलहाल यहां से हर दिन 10 से 12 विमानों का आना-जाना हो रहा है. दरभंगा एयरपोर्ट से दुबई के लिए भी कनेक्टिंग फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध हो गई है.

मिथिलांचल का कारोबार बढ़ा
एयरपोर्ट बन जाने से मिथिलांचल का कारोबार भी बढ़ा है. इस बार कार्गो विमान से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और हैदराबाद के लोगों ने मिथिलांचल की शाही लीची का स्वाद चखा. बेंगलुरू का धनिया पत्ता यहां अपनी खुशबू बिखेर रहा है. इस बार 36 टन लीची इन शहरों में भेजी गई. कार्गो के जरिये यहां प्रतिदिन तीन से चार टन धनिया आ रहा है. अगले साल से यहां का प्रसिद्ध मखाना, मछली और पान को देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजने की योजना है. राज्य में एविएशन सेक्टर में अपार संभावनाएं नज़र आ रही हैं. मिथिलांचल के यात्रियों को भी बड़ी उम्मीदें हैं.

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