कोविड प्रोटोकॉल पर चीफ सेक्रेट्री के आदेश पर भड़के धनसिंह रावत, टेस्टिंग को लेकर दिया उलट बयान
[ad_1]
देहरादून. उत्तराखंड की नौकरशाही और कैबिनेट मंत्री के बीच खींचतान की स्थिति तब बन गई जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मुख्य सचिव के एक आदेश को सरकारी फैसले के खिलाफ बताया. रावत ने मंगलवार को कहा कि राज्य भर में कोविड प्रोटोकॉल के तहत राज्य के बॉर्डर क्षेत्रों में चल रहे कोरोना टेस्टिंग बूथों को हटाया जाना है कि नहीं, इस पर सरकार अभी दोबारा विचार करेगी और तब तक ये बूथ जैसे हैं, वैसे ही रहेंगे. वास्तव में, पिछले दिनों उत्तराखंड सरकार ने कोविड संबंधी तमाम प्रतिबंध हटाकर उत्तराखंड आने वाले लोगों को बड़ी राहत दी थी, उसके बाद एक प्रशासनिक आदेश को लेकर हंगामा खड़ा हुआ.
मुख्य सचिव ने एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि अन्य राज्य से जुड़ने वाली सीमाओं और रेलवे स्टेशनों पर पर्यटकों की कोरोना संक्रमण जांच के लिए जो टेस्टिंग बूथ लगे हैं, उन्हें बंद कर दिया जाए. लेकिन, जैसे ही यह आदेश चर्चा और सुर्खियों में आया, तो धन सिंह रावत ने बयान देने सामने आए. एक खबर के मुताबिक इस स्थिति पर रावत ने कहा कि मुख्य सचिव का यह आदेश सरकारी फैसला नहीं है और अभी बूथ नहीं हटाए जाएंगे. रावत ने सभी से प्रोटोकॉल का पालन का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि अभी सतर्कता बरतने की ज़रूरत बनी हुई है इसलिए सरकार बूथों को लेकर पुनर्विचार करेगी.
मुख्य सचिव पर कैसे बिगड़े रावत?
रावत ने साफ तौर पर कहा, ‘अभी कुछ राज्यों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं इसलिए कोविड 19 की टेस्टिंग में फिलहाल कोई कमी नहीं की जाएगी. तमाम पहलुओं का ध्यान रखते हुए राज्य सरकार अपना फैसला लेगी.’ मुख्य सचिव के आदेश के बारे में उन्होंने कहा, ‘बॉर्डर इलाकों में टेस्टिंग रोकने का फैसला सरकार का नहीं है. अगर मुख्य सचिव ने ऐसे आदेश दिए हैं तो उनसे बात की जाएगी और कैबिनेट में इस पर चर्चा की जाएगी.’
उत्तराखंड की सीमाओं पर टेस्टिंग बूथों को लेकर मंत्री और मुख्य सचिव ने विरोधाभासी बयान.
कैबिनेट में दो खास फैसलों पर मुहर
रावत ने जब यह बयान दिया तो मंगलवार शाम सचिवालय में कैबिनेट की बैठक होनी थी, लेकिन इस बारे में कोई फैसला या बयान बैठक के बाद सामने नहीं आया. हालांकि चिकित्सा विभाग से जुड़े दो अहम फैसलों पर मुहर ज़रूर लगी. विभाग में ओटी, तकनीशियन, डॉक्टर, डेंटिस्ट पदों पर भर्ती के लिए दो साल के अनुभव की अनिवार्यता अब नहीं होगी. दूसरा फैसला यह रहा कि मेडिकल की फीस सालाना चार लाख से 1.45 लाख करने का लाभ इसी साल से मिलेगा.
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi. हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.
Tags: Covid Protocol, Dhan singh rawat, Uttarakhand Government, Uttarakhand news
[ad_2]
Source link