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क्या है पेंडोरा पेपर्स मामला और क्यों है भारत में इसका महत्व? विस्तार से जानें

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नई दिल्ली. इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट या ICIJ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाले खुलासे किए है. पेंडोरा पेपर्स (Pandora Papers) नाम की इस रिपोर्ट में दुनियाभर के अमीर और रसूखदार लोगों के वित्तीय लेन-देन को लेकर जानकारी दी गई है. यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर 14 तरह की वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनियों के तकरीबन 1.19 करोड़ लीक दस्तावेजों पर आधारित है.

इन फाइलों की समीक्षा से विश्व के सैकड़ों नेताओं, अरबपतियों, मशहूर हस्तियों, धार्मिक नेताओं और नशीले पदार्थों के कारोबार में शामिल लोगों के उन निवेशों का खुलासा हुआ है, जिन्हें पिछले 25 साल से हवेलियों, समुद्र तट पर बनीं विशेष संपत्तियों, नौकाओं और अन्य संपत्तियों के माध्यम से छुपाकर रखा गया था.

117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से बनी रिपोर्ट
ICIJ की रिपोर्ट 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार की गई. इस रिपोर्ट को ‘पेंडोरा पेपर्स’ (भानुमति के पिटारे से निकले दस्तावेज) करार दिया जा रहा है, क्योंकि इसने प्रभावशाली एवं भ्रष्ट लोगों के छुपाकर रखे गए धन की जानकारी दी और बताया है कि इन लोगों ने किस प्रकार हजारों अरब डॉलर की अवैध संपत्ति को छुपाने के लिए विदेश में खातों का इस्तेमाल किया.

380 भारतीय नागरिकों का नाम भी शामिल
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते रविवार को जारी हुई इस रिपोर्ट में 380 भारतीय नागरिकों के नाम शामिल हैं. भारत के अलावा इस रिपोर्ट में 90 देशों के अमीर लोगों के नाम शामिल हैं. कुल 29 हजार शेल कंपनियों का खुलासा हुआ है जिनके जरिए टैक्स हैवन देशों में ये अमीर लोग अपने वित्तीय लेन-देन किया करते थे.

क्या गंभीर खुलासे कर रहा है पेंडोरा पेपर्स
पेंडोरा पेपर्स ने बताया है कि किस तरह अमीर और रसूखदार लोग वित्तीय लेन देन के जटिल रास्ता अख्तियार कर टैक्स डिपार्टमेंट की आंखों में धूल झोंकते हैं. ये लोग ट्रस्ट के जरिए ऐसा काम करते हैं. इसके दो मुख्य उद्देश्य होते हैं. पहला, ट्रस्ट बनाकर अपनी वास्तविक पहचान छुपाना जिससे टैक्स डिपार्टमेंट का उन तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाए. दूसरा, ट्रस्ट के जरिए कैश, शेयरहोल्डिंग, रियल एस्टेट जैसे अपने निवेश को छुपाए रखना.

देश में होगी जांच
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने सोमवार को कहा कि ‘पेंडोरा पेपर्स’ से संबंधित मामलों की जांच की जाएगी. एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि पेंडोरा दस्तावेज मामले की जांच सीबीडीटी चेयरमैन की अध्यक्षता में विभिन्न जांच एजेंसियों का समूह करेगा.

इन लोगों के नाम शामिल
रिपोर्ट में जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस, केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा और इक्वाडोर के राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो के अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों के सहयोगी शामिल हैं.

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One thought on “क्या है पेंडोरा पेपर्स मामला और क्यों है भारत में इसका महत्व? विस्तार से जानें

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