उत्तराखंड

भगवान राम के भाई शत्रुघ्न ने यहां की थी तपस्या, शत्रुघ्न घाट पर होती है भव्य गंगा आरती

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शत्रुघ्न

शत्रुघ्न मंदिर मुनि की रेती में स्थित है.

प्राचीन शत्रुघ्न मंदिर के ठीक सामने शत्रुघ्न घाट है, जहां हर शाम मां गंगा की भव्य आरती की जाती है.

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के छोटे भाई शत्रुघ्न ने ऋषिकेश के मुनि की रेती में कई वर्षों तक तपस्या की थी. मुनि की रेती में मुख्य राजमार्ग से 100 मीटर की दूरी पर शत्रुघ्न भगवान का प्राचीन मंदिर (Shatrughan Temple Rishikesh) स्थित है, जिसे 8वीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य ने बनवाया था. मेन हाइवे से राम झूला की तरफ जाते हुए बीच में यह मंदिर पड़ता है. इस मंदिर में शत्रुघ्न भगवान के साथ-साथ चतुर्भुज रूप में भगवान नारायण की प्रतिमा और राम दरबार की भी पूजा-अर्चना की जाती है.

पिछली पांच पीढ़ियों से इस मंदिर की सेवा कर रहे मनोज द्विवेदी ने बताया कि पुराने जमाने में चारधाम की तरफ जाने वाले तीर्थयात्री इस मंदिर के दर्शन करने के बाद ही आगे बढ़ते थे. शत्रुघ्न ने यहां पर मौन साधना की थी, जिसके बाद से इस जगह को ‘मौन की रेती’ कहा जाने लगा, जो बाद में अपभ्रंश होकर ‘मुनि की रेती’ हो गया है.

प्राचीन शत्रुघ्न मंदिर के ठीक सामने शत्रुघ्न घाट है, जहां हर शाम मां गंगा की भव्य आरती की जाती है. गंगा आरती से पहले शिव तांडव का वाचन किया जाता है. घाट के चारों ओर की सुंदरता इसकी आरती को और भव्य बना देती है. यह घाट रामझूला और जानकी सेतु के बीच में स्थित है.
मुख्य तौर पर इस घाट पर पांच पुजारी गंगा आरती करते हैं, लेकिन कोरोना काल के बाद से तीन पुजारी ही फिलहाल आरती कर रहे हैं. श्री गंगा गौ सेवा समिति इस आरती का संचालन करती है. गंगा आरती के समय बाईं ओर रोशनी से जगमगाता राम झूला, तो वहीं दाईं ओर जानकी सेतु श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है.

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