प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद का पुनर्गठन, देखिए पूरी लिस्ट
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नई दिल्ली. सरकार ने बुधवार को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) (Economic Advisory Council) के मौजूदा चेयरमैन विवेक देबरॉय के अंतर्गत ईएसी-पीएम का पुनर्गठन किया. पुनर्गठन के तहत परिषद से वी अनंत नागेश्वरन को हटा दिया गया है. जबकि राकेश मोहन (आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर), पूनम गुप्ता (नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लायड एकोनॉमिक रिसर्च की महानिदेशक) और टी टी राम मोहन (प्रोफेसर, भरतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद) को ईएसी-पीएम के अंशकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है.
परिषद के अन्य अंशकालिक सदस्यों में साजिद चेनॉय, नीलकंठ मिश्रा और नीलेश शाह शामिल हैं. मंत्रिमंडल सचिवालय ने 27 अक्टूबर को जारी एक अधिसूचना में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने ईएसी-पीएम के पुनर्गठन को दो साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक मंजूरी दे दी है.’’ अधिसूचना के अनुसार, परिषद के लिये तय नियम एवं शर्तों में प्रधानमंत्री की तरफ से भेजे गये आर्थिक या किसी भी अन्य मुद्दे का विश्लेषण करना और उन्हें सलाह देना शामिल है. ईएसी-पीएम स्वतंत्र निकाय है जिसका गठन सरकार खासकर प्रधानमंत्री को आर्थिक और संबंधित मुद्दों पर सलाह देने के लिये किया गया है.
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कौन कौन है इस परिषद का सदस्य
बिबेक देबरॉय
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, देबरॉय 2015-2019 से नीति आयोग के सदस्य रह चुके हैं. प्रेसीडेंसी कॉलेज, कोलकाता और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई पूरी करने वाले देबरॉय को 2015 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने 1993 से 1998 तक कानूनी सुधारों पर वित्त मंत्रालय / यूएनडीपी परियोजना के निदेशक के रूप और 1994-95 में आर्थिक मामलों के विभाग में भी काम किया है.
राकेश मोहन
रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन परिषद के नए सदस्य हैं. वह भारत के सबसे वरिष्ठ आर्थिक नीति निर्माताओं में से एक हैं और केंद्रीय बैंकिंग, मौद्रिक नीति, बुनियादी ढांचे और शहरी मामलों के विशेषज्ञ हैं. उन्होंने हाल ही में वाशिंगटन डीसी में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश और भूटान का प्रतिनिधित्व करते हुए कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य किया.
पूनम गुप्ता
परिषद में पहली बार शामिल की गईं पूनम गुप्ता एनसीएईआर की महानिदेशक हैं. वह विश्व बैंक में भारत की प्रमुख अर्थशास्त्री रह चुकी हैं. गुप्ता ने अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र में पीएचडी और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में परास्नातक किया है.
टीटी राम मोहन
आईआईएम, अहमदाबाद में वित्त और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर टीटी राम मोहन परिषद में एक और नए सदस्य हैं. उन्होंने एकेडमिक्स में काम करने से पहले कंसल्टेशन और फाइनेंशियल सेक्टर में बड़े पैमाने पर काम किया है.
साजिद चेनॉय
जेपी मॉर्गन के मुख्य भारत अर्थशास्त्री, साजिद चेनॉय 15वें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद में भी कार्यरत हैं. उनके पिछले कार्यकाल में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और मैकिन्से एंड कंपनी के साथ काम करना शामिल है. चेनॉय ने पहले एक आरबीआई समिति के सदस्य के रूप में भी काम किया है जिसने भारत में मुद्रास्फीति को लक्षित करने का प्रस्ताव दिया था.
नीलकंठ मिश्रा
भारत में सर्वश्रेष्ठ विश्लेषकों में से एक, नीलकंठ मिश्रा क्रेडिट सुइस में इक्विटी स्ट्रैटेजी, एशिया पैसिफिक और इंडिया इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट, सिक्योरिटीज रिसर्च के सह-प्रमुख हैं. वह भारत के पंद्रहवें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में भी कार्य करता है. वह कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री के साथ आईआईटी-कानपुर से स्वर्ण पदक विजेता हैं.
नीलेश शाह
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक, नीलेश शाह को पूंजी बाजार में 25 से अधिक वर्षों का अनुभव है, जिन्होंने स्थानीय और वैश्विक निवेशकों के लिए इक्विटी, निश्चित आय प्रतिभूतियों और रियल एस्टेट में फंड का प्रबंधन किया है. उन्होंने अतीत में, एक्सिस कैपिटल, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट, फ्रैंकलिन टेम्पलटन और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के साथ नेतृत्व की भूमिका निभाई है. शाह गोल्ड मेडलिस्ट चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. (भाषा के इनपुट सहित)
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