UK Chunav : हरीश रावत ने ‘पुरस्कार’ पर उठाए सवाल तो गोदियाल ने खनन पर, कहा – ‘दूसरा मधु कोड़ा न बने’
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देहरादून. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टी कांग्रेस राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ मुद्दे खड़े करने की कवायद में अब खनन में भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगा रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार की खनन नीति पर सवाल खड़े करते और सरकार को आगाह करते हुए कहा कि राज्य में कोई मधु कोड़ा न बने. गोदियाल ने जल्द ही इस बारे में दस्तावेज़ों के साथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का दावा भी किया. उधर, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड सरकार द्वारा ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ की घोषणा पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि भाजपा नाम बदलकर कांग्रेस सरकार के ही काम आगे बढ़ा रही है.
‘जजों की कमेटी करे निगरानी’
उत्तराखंड की खनन नीतियों पर बड़ा आरोप लगाते हुए गोदियाल ने कहा कि जिस तरह सेटलमेंट किया जा रहा है और पिछले 100 दिनों में जिस तरह नियमों को ताक पर रखकर पट्टे जारी करने की सरकारी कवायद की गई है, वह राज्य के गरीब लोगों के साथ धोखाधड़ी है. उत्तराखंड में चल रही खनन गतिविधियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए गोदियाल ने खनन को लेकर सरकार के तमाम कामों की निगरानी जजों की कमेटी से करवाए जाने की मांग की. गोदियाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार के रवैये से राज्य में कोई ‘मधु कोड़ा’ बनने की कोशिश कर रहा है और ऐसा नहीं होना चाहिए.

उत्तराखंड गौरव सम्मान के सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर हरीश रावत का पोस्ट.
गोदियाल ने यह भी दावा किया कि वह जल्द ही पूरे दस्तावेज़ों के साथ इस आरोप को साबित करेंगे और लोगों के सामने खनन की अवैध कमाई की पूरी सच्चाई जनता को बताएंगे. गोदियाल ने खुलकर आरोप लगाते हुए कहा कि आनन फानन में पट्टे जारी हुए हैं, कोई अर्हता पूरी नहीं हुई और ज़बरदस्त भ्रष्टाचार हुआ है. दूसरी तरफ, उत्तराखंड गौरव सम्मान को लेकर हरीश रावत भी मैदान में उतर पड़े हैं और राज्य सरकार पर फिर श्रेय लेने का आरोप लगाया है.
उत्तराखंड रत्न या उत्तराखंड गौरव?
कौन सा नाम ज़्यादा बड़ा या सार्थक है? यह सवाल खड़ा करते हुए रावत ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने राज्य की विभूतियों को सम्मानित करने का उपक्रम शुरू किया था, जिसका नामकरण ‘भारत रत्न’ की तर्ज़ पर उत्तराखंड रत्न रखा गया था. रावत के मुताबिक भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया और अब उत्तराखंड गौरव के नाम से फिर यह परंपरा शुरू कर दी है. रावत ने कहा कि भाजपा का इस तरह किसी सम्मान के नाम को लेकर राजनीति करना, दलीयकरण करना ठीक नहीं है. ये नये नये नामकरण वाली सोच राज्य के हित में नहीं है.
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